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ToggleZepto : 10 मिनट में डिलीवरी और Unicorn कंपनी बनायीं

आजकल हर व्यक्ति एक आरामदायक जीवन चाहता है। दैनिक भोजन, घर बैठे किराने का सामान और बहुत कुछ जो जाकर खरीदना पड़ता है | किराने के ऑर्डर को अपने आरामदायक सोफे पर डिलीवर करवाने अपने Android फोन पर एक ऐप के इस्तेमाल से करवा सकते है। जिससे आपको हर दिन की आवश्यकताओं के लिए दुकान पर जाने की आवश्यकता नहीं होती। इन सबके लिए Zepto ने अपने को पूरी तरह से विकसित किया।
Zepto एक ऐप है, जो 10 से 15 मिनट में किराने का सामान उपभोक्ता तक पहुंचाता है, इसलिए लोग इसका बहुत उपयोग करते हैं।
Zepto की शुरुआत :
Zepto का विचार COVID-19 महामारी के दौरान आया। जब विश्व भर के लोग घरो में कैद थे। चीजों की कमी से लोगों को लगातार परेशानी होती थी।
कम्पनी के फाउंडर आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा को पता चला कि वर्तमान समय में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न ऐसा कोई व्यवसाय शुरू करें जो लोगों की समस्याओं को हल करने के साथ-साथ उनमें करियर भी बना दे।


दोनों ने शुरू में किराने की डिलीवरी सेवाओं की कमी को समझा, जिसमें अक्सर ऑर्डर पूरा करने में कई दिन लगते थे। उन्हें किरानाकार्ट भी खोला, जिसका उद्देश्य था, घर पर 45 मिनट के भीतर किराने का सामान देना। उसने अच्छी तरह काम किया और सफलता मिली, लेकिन कुछ कमियां थीं जिन्हें दूर करना मुश्किल लग रहा था।
Zepto से पहले, Aadit और Kaivalya ने व्यापार किया और लाभ कमाया:
आदित्य पलिचा और कैवल्य वोहरा बचपन से विशेष दोस्त रहे हैं। दोनों का जन्म मुंबई में हुआ, जहां उनके पिता इंजीनियर थे। वे नवाचार और प्रौद्योगिकी में बहुत रुचि रखते थे। दुबई के एक शिक्षण संस्थान में, दोनों ने प्रौद्योगिकी और व्यापार के लिए एक साझा जुनून विकसित किया, लगातार नई योजनाओं और विचारों का उपयोग करते रहे और साथ में रहकर करने के जूनून में हमेशा से रहे।


GoPool उनका पहला उद्यम था। एक प्लेटफॉर्म जो राइड-शेयरिंग की सुविधा देता था यह एक लाभदायक व्यवसाय बन गया था, लेकिन दोनों को इसमें ज्यादा विकास समझ नहीं आया और अंततः बेच दिया। दोनों ने इस प्रारंभिक सफलता से उत्साह लिया और गहराई से उतरने की उनकी इच्छा को बढ़ा दिया। उनका निर्णय था कि वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान की पढ़ाई करेंगे। COVID-19 महामारी के दौरान इन्हे अपने घर मुंबई वापस आना पड़ा और वही से Zepto की शुरुआत करी।
Zepto ने डिलीवरी को 10 मिनट में सफल बनाया:
दोनों ने इस काम में अमूल्य अनुभव प्राप्त किया और Zepto के निर्माण का मंच तैयार किया। संघर्ष जारी ही था कि Zepto Company के संस्थापक आदित पलिचा और कैवल्य वोहरा ने विचार किया कि डिलीवरी को 10 मिनट में देना चाहिए। इससे हमारा विश्वास और लोगों की मांग बढ़ सकती है। उनके लिए यह विचार पूरी तरह से नहीं थी। किरानाकार्ट में, उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और इसका नाम बदलकर Zepto 10 मिनट दे दिया।


Zepto ने शुरूआत में कई चुनौतियों का सामना किया, जैसे तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित करने की रसद, एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता नेटवर्क बनाना और एक मजबूत बुनियादी ढाँचा बनाना।
डिलीवरी कर्मियों को नियंत्रित करना और सही रूटिंग करना एक और बाधा थी आर्थिक सहायता। लेकिन उनके विचार ने निवेशकों को तुरंत आकर्षित किया।
इसके बाद, Zepto 10 मिनट में डिलीवरी करने में सफल हो गया और निवेशकों ने अधिग्रहण की मांग बढ़ा दी।
Zepto में निवेश और Unicorn बनी :
Global Founders Capital, 2 AM Ventures, and Contrary Capital, ने ज़ेप्टो मॉडल को विकसित होते देखा और उसके विस्तार की संभावना को देखा। साथ ही निवेशकों ने आवश्यक प्रारंभिक भी फंडिंग प्रदान की।
जून 2024 तक Zepto ने Unicorn का दर्जा हासिल किया, जो इसके तेज विकास और बाजार स्वीकृति का प्रमाण है।
Zepto ने 1000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया। कई डार्क स्टोर्स के साथ भी काम किया। Zepto समझ चुका था कि उसके पास किराने के सामान से लेकर हर वो चीज उपलब्ध रहे जिसकी डिलीवरी आसानी से और समय पर हो सके।
Zepto ने न केवल किराने की डिलीवरी परिदृश्य को बदल दिया है, बल्कि उद्योग के लिए नए मानक भी स्थापित कर दिए।


Zepto की Valuation ₹ 42,000 करोड़ :
Hurun द्वारा जारी की गयी सूची में सबसे अमीर भारतीयों में Zepto के संस्थापक आदित और कैवल्य का नाम शामिल है। 21 वर्षीय कैवल्य वोहरा की संपत्ति 3,600 करोड़ रुपये है, जबकि 22 वर्षीय आदित की 4,300 करोड़ रुपये की संपत्ति है।