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ToggleSunita Williams : सुनीता विल्लियम्स अंतरिक्ष में फंसी, 2025 में धरती पहुचेंगी, ऐसे करेंगी Vote
5 जून 2024 को अंतरिक्ष में जाने के लिए स्टरलाइनर स्पेसक्राफ्ट (StarLiner SpaceCraft) का राकेट लांच किया गया |
जिसमे NASA के 2 बहुत अनुभवी अंतरिक्ष यात्री है – कमांडर- बैरी ई विलोमर (Commander – Barry E. Wilmore) और पायलट- सुनीता विल्लियम्स (Pilot – Sunita Williams) |
Sunita Williams को गए अब 3 महीने से अधिक का समय बीत चुका है और अभी भी उनका आ पाना संभव नहीं है|
अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams को सिर्फ 8 दिनों के लिए ही रुकना था और 8 दिनों के बाद धरती पर वापस आना था |
लेकिन AirCraft में कुछ ऐसी घटना हुई की उनको वही रुकना पड़ा और अभी उनको 8 महीने का अधिक इंतज़ार करना पड़ सकता है |
ये थी वजह जब Sunita Williams अंतरिक्ष में फंस गयी :
ऐसा हुआ कि जिस एयरक्राफ्ट से दोनों अंतरिक्षयात्री ( Sunita Williams and Buch Wilmore ) गए थे, वह बोइंग ( Boeing ) कंपनी की तरफ से निर्माणित था |
इसीलिए इस मिशन का नाम “NASA’s Boeing Crew Flight Test” रखा गया था |
नासा द्वारा भेजे गए बोइंग (Boeing) कंपनी का एयरक्राफ्ट इस सफलता को हासिल कर दूसरी कंपनी बनना चाहता था और मानव को सही सलामत अंतरिक्ष में पहुंचाने वाली दूसरी एयरक्राफ्ट कंपनी बन चुकी है|
जहां Space-X ने पहली बार ये सफलता हासिल की थी | Boeing, Space-X के बाद ऐसी दूसरी कंपनी है, जिसने मानव को अंतरिक्ष में सही सलामत पहुंचाया है |
27 घंटे के सफर के बाद Sunita Williams और Barry E. Wilmore सफलतापूर्वक अंतरिक्ष (Satelite) में पहुंच जाते हैं।
लेकिन तकनीकी खराबी के चलते Boeing का अंतरिक्ष यान वापस आने में सक्षम नहीं था |इसीलिए Sunita Williams का ये सफर काफी दिनों के लिए वही पर फंस के रह गया |
आज तक दुनिया में सिर्फ 3 देशो ने इस मुकाम को हासिल किया है –
- रूस
- अमेरिका
- चीन
Helium लीक सबसे मुख्य कारण :
StarLiner सबसे पहले 6 मई 2024 को लांच होना था |
लेकिन 6 मई को लांच से 2 घंटे पहले ही काउंटडाउन को रोक दिया जाता है |
इसका कारण प्रेशर वाल्व में फाल्ट होना था |
इसके बाद 1 जून को लांच डेट निर्धारित की जाती है लेकिन काउंटडाउन के 4 मिनट पहले ही लांच को रोका जाता है |
इस बार मानव परीक्षण से न रोककर, कंप्यूटर सिस्टम ने ही रोकने का सिगनल दे दिया |
जब 5 जून को लांच से पहले भी बोइंग और नासा हीलियम लीक को प्रबंधित कर रहे थे |
लेकिन इस लीक को सामान्य समझकर लांच को जारी रखा गया | लांच के कुछ घंटे बाद, एयरक्राफ्ट में दो और हीलियम लीक हुए, जिस कारण एयरक्राफ्ट वापस आने में असमर्थ रहा |
Sunita Williams अंतरिक्ष में कर रही रिसर्च :
उस स्थान पर फसने के बाद, Sunita Williams इस समय Expidition 71 के साथ मिलकर अंतरिक्ष बागवानी (अंतरिक्ष में पौधों की खेती) पर रिसर्च और नए एक्सपेरिमेंट भी कर रहे है|
साथ ही Algae-Based Life Support System पर परीक्षण, जिसमें शैवाल अपने आप प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं और ऑक्सीजन बना सकते हैं |
न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग और उपचार ( Neurodegenerative diseases and therapies ) पर भी अध्ययन और रिसर्च चल रही है |
साथ ही साथ Space-Caused Fluid shifts पर भी रिसर्च जारी है |
आखिर Sunita Williams अंतरिक्ष में जीवित कैसे है :
सुनीता विल्लियम्स International Space Station में रुकी हुई है| Space Station में खाना , पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध रहती है |
Sunita Williams के जाने से पहले वहा काफी अंतरिक्ष यात्री मौजूद है, जिनको क्रू सदस्य कहा जाता है |जिनको NASA द्वारा भेजे जाने पर क्रू सदस्य की शिफ्ट बदलती रहती है |
जिसको Expedition 71 कहा जाता है | जब इनकी जगह दुसरे क्रू सदस्य भेजे जाएंगे, तो Expedition 72 नाम हो जाएगा|
हालांकि Expedition 71 की शिफ्ट 24 सितंबर 2024 को बदलने वाली है |
अंतरिक्ष में पहले भी सुनीता विल्लियम्स ने 322 दिन बिताए :
भारतीय ओरिजिन अंतरिक्ष यात्री सुनीता विल्लियम्स का जन्म अमेरिका में हुआ था।
इनकी वर्तमान उम्र 58 वर्ष है और इस मिशन से पहले भी इनके पास 322 दिन अंतरिक्ष में रुकने का अनुभव है |
Sunita Williams, जो पहले Expidition 14/15 और 32/33 में शामिल थी, अब Expidition 71 में शामिल है।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का निर्माण और सुविधाएँ :
1998 से 2011 के बीच, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) बनाया गया था।
इस स्टेशन को
- अमेरिका
- कनाडा
- जापान
- रूस
- यूरोप
- अन्य देशों
ने मिलकर बनाया था।
अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की लम्बाई 350 फ़ीट से अधिक है। यह एक घर के रूप में कार्य करता है, जहां अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष यात्री दल रहते हैं |
6 बैडरूम से अधिक की जगह है। अंतरिक्ष यात्री आराम से रुक सकते हैं | यहाँ खाना, पानी, ऑक्सीजन भी उपलब्ध है |
साथ ही 2 बाथरूम, जिम और 360 डिग्री की खिड़की भी हैं। जीवित रहने के लिए कई चीजों से परिपूर्ण है |
ऑक्सीजन बनाने वाली मशीने भी है, जो पानी से ऑक्सीजन बनाती है |
हम कार्बोन डाइ ऑक्साइड छोड़ते हैं, जिसको कैप्चर करके ऑक्सीजन में बदल सकते हैं।
पेशाब को recycle करके पीने योग्य जल में परिवर्तित किया जा सकता है|
पसीने और आद्रता को भी जल में बदल जाते हैं।
अतिरक्त खाना छह महीने तक अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद रहता है।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में मौजूद क्रू सदस्यों का हर 5 – 6 महीनो में बदलाव होता रहता है |
Sunita Williams 2025 में धरती में पहुंचेंगी :
एयरक्राफ्ट में तकनीकी गड़बड़ी के चलते Sunita Williams को इस वर्ष अंतरिक्ष में ही रहना पड़ेगा और साथ ही Expidition 71 और 72 की भी सदस्य रहेंगी |
Expidition 71 की शिफ्ट 24 सितंबर 2024 को बदलने वाली है |
जिनकी जगह नए क्रू सदस्य ( अंतरिक्ष यात्री ) जाएंगे, जिससे ये शिफ्ट बदलकर Expidition 72 में तब्दील होगी |
लेकिन Sunita Williams के वही रहने पर वो 71 और 72 की सदस्य बनी रहेंगी |
24 सितम्बर को जो शिफ्ट यहाँ से रवाना होगी, वह अगले 5-6 महीनो तक का खाना लेकर जाएगी|
जिससे वहां खाने की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा |
सुनीता विल्लियम्स अंतरिक्ष से करेंगी मतदान :
अमेरिका में नवंबर में मतदान होने जा रहा है, लेकिन सुनीता विल्लियम्स इस वर्ष अंतरिक्ष में फंसे रहने के कारण मतदान मुश्किल समझ आ रहा था |
अब ये निष्कर्ष आया है की सुनीता विल्लियम्स अंतरिक्ष से इलेक्ट्रॉनिक मतपत्रों की मदद से मतदान करेंगी |
इलेक्ट्रॉनिक मतपत्र:
यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत कम जटिल है। अंतरिक्ष यात्री मतपत्रों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में भरते हैं।
एक बार चुनाव पूरा हो जाने पर, मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पृथ्वी पर वापस भेज दिया जाता है।
इस तरह से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के सभी सदस्य चुनाव में भाग ले सकते है |
अंतरिक्ष से सबसे पहले मतदान करने वाले NASA के अंतरिक्ष यात्री David Wolf है|
जिन्होंने 1997 में मीर स्टेशन ( Mir Station ) से सबसे पहले मतदान किया था |