Table of Contents
ToggleSovereign Gold Bond : सोने में निवेश से पाए गारंटीड रिटर्न,पैसे कमाने का मौका
सरकार ने 2024 के शुरुआत में ही निवेशकों को सस्ता सोना खरीदनें का मौका देकर एक अच्छा निवेश को प्रोत्साहित किया है |
Sovereign Gold Bond Scheme के तहत आप सोने में निवेश कर सकते है, इसकी तय तिथि 12 फरवरी से 16 फरवरी तक हैं।
याद रखें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के वर्ष में कुछ ही मौके मिलते है, जिसकी तय तिथि में ही इन्हें खरीदना होता है, इसके लिए समय-समय पर तिथि निर्धारित की जाती है। सरकार द्वारा आखिरी तिथि 22 दिसंबर को मिली थी और निवेशकों ने भी इस मौकें का पूरा लाभ उठाया था |
Sovereign Gold Bond :
Sovereign Gold Bond एक सरकारी बॉन्ड के रूप में मापा जाता है और इसे आरबीआई द्वारा जारी किया जाता है।इसे हम छू नहीं सकते है,लेकिन इसे बाज़ार के भाव से कम भी नही आंका जा सकता है|
इस योजना के तहत सरकार एक तरह का पेपर गोल्ड या डिजिटल गोल्ड बेचती है। निवेशकों को SGB की खरीदारी के बाद एक सर्टिफिकेट मिलता है, जिसमें मूल्य का विवरण होता है।
डिजिटल सोना खरीदने पर रिटर्नस की अधिक संभावना रहती है| सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड गारंटीड रिटर्न देता है और सालाना 2.5 प्रतिशत का ब्याज देता है।
इसको खरीदने से लेकर बेचने तक कुछ नियमों का पालन किया जाता है और अच्छे रिटर्न के लिए इसे तय समय सीमा तक रखना होता है|
हालाँके सरकार द्वारा जारी किया हुआ यह ऐसा बॉन्ड है, जिसे बाज़ार भाव से अधिक छूट में प्रदान किया जाता है और लम्बे समय के लिये निवेश कर सकते है|
तय समय सीमा में इसे बेचने पर सरकार अच्छा रिटर्न निवेशकर्ताओं को देती है|
SGB को डीमैट में भी परिवर्तित कराया जा सकता है| ये बॉन्ड एक ग्राम सोने का होता है, इसलिए एक ग्राम सोने की कीमत वही होगी।
Sovereign Gold Bond आपको 24 कैरेट के 99.9% शुद्ध सोने में निवेश करने देता है। ऑनलाइन खरीदने और डिजिटल भुगतान करने पर प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट मिलती है। वित्तीय वर्ष में कोई भी व्यक्ति कम से कम 1 ग्राम और अधिक से अधिक 4 किलो SGB ही खरीद सकता है।
SGB खरीदने के विकल्प :
- ऑनलाइन और ऑफलाइन बैंकों से खरीद सकते हैं|
- पोस्ट ऑफिस से भी खरीदा जा सकता है।
- स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन से खरीदने का विकल्प है।
- BSE और NSE के प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं।
Sovereign Gold Bond की शुरुआत का सिलसिला :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड स्कीम की शुरुआत की थी, जिसकी पहली किस्त की मैच्योरिटी नवंबर 2023 पूरी हो चुकी है। इस योजना के तहत 8 साल में प्रति वर्ष 12.9% का रिटर्न मिला है।
2015-2016 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम शुरू होने से अब तक 134 टन से अधिक गोल्ड SGB के तहत बेचा जा चुका है।
ये एक पूरी तरह से आर्थिक उत्पाद है, इसलिए इतनी ही आयात की बचत भी हुई है। हाल ही नवंबर 2023 में मैच्योर हुए पहली किश्त के उत्कृष्ट रिटर्न भी निवेशकों को इसमें निवेश करने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।
ऑनलाइन भुगतान करने पर मिलती है छूट ?
गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए ऑनलाइन भुगतान करने पर आपको अतिरिक्त लाभ भी मिलता है। केंद्र सरकार ने डिजिटल भुगतान करने वाले निवेशकों को अंकित मूल्य से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का निर्णय लिया है और अगर आप डिजिटल भुगतान करते है तो प्रति ग्राम खरीदनें पर 50 रुपये की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाती है।
शेड्यूल कमर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों, पेमेंट बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) से SGB खरीदने का विकल्प चुन सकते है जिसकी अंतिम तिथि 16 फरवरी है |
निवेशकों द्वारा लंबे समय मे लाभ प्राप्त करने के तरीके :
सरकार द्वारा जारी किये हुए बांड में 2.5% वार्षिक दर से ब्याज़ प्रदान करती है साथ ही बाज़ार भाव से भी काफी छूट प्राप्त होती है |
लेकिन निवेशको को और अधिक रिटर्न की इच्छा भी जागृि्त होती है इसके लिये सिर्फ SGB में इतने कम ब्याज़ में निवेश करना उचित नहीं समझ आता और इससे अधिक बचत खाता में बैंक ब्याज़ प्रदान करती है|
समझने की बात यह है कि वर्तमान में सरकार इतना कम ब्याज़ प्रदान करती है लेकिन भविष्य में सोने की कीमतों में वृध्दि होने पर SGB को परिपक्व्ता के बाद भुनाने पर उस निवेश की हुई राशि की अधिक वैल्यू वापस मिलती है,
जो 2.5% के वार्षिक ब्याज़ के साथ उस समय सोने के भाव में वृध्दि 20-30% की मिलती है या उससे ज्यादा होने पर निवेश की राशि कि वैल्यू बढ़ने के साथ अधिक मुनाफा भी प्राप्त होता है |
इसीलिए इस योजना का लाभ लेने के लिये निवेशक अधिक से अधिक निवेश करने को तैयार रहते है|
Sovereign Gold Bond में निवेश करने के फायदे :
- प्रति वर्ष 2.5% का ब्याज मिलता है, जो हर 6 महीने पर भुगतान किया जाता है।
- सोने की मांग बढ़ने से आपके निवेश का मूल्य भी बढ़ता है।
- डीमैट होने के कारण सुरक्षा की चिंता नहीं रहती है|
- फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगता है, लेकिन Sovereign Gold Bond, GST के दायरे में नहीं आता है।
- बॉन्ड के जरिए लोन का भी एक विकल्प बना रहता है|
- शुद्धता में कोई समस्या नहीं, पेपर होने के चलतेआपको इसकी शुद्धता की चिंता नहीं करनी पड़ती।
- मैच्योरिटी के बाद सोने पर कोई टैक्स नहीं लगता।
- निवेश ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है।
Physical Gold और Sovereign Gold Bond में निवेश के बीच एक तुलना :
फिजिकल सोना खरीदने पर कोई सीमा नहीं है। आप अपने बजट के अनुसार खरीद सकते हैं। विपरीत, SGB खरीदने का न्यूनतम मूल्य 1 ग्राम सोने के बराबर होता है, जबकि अधिकतम मूल्य 4 किलोग्राम (ट्रस्ट के लिए 20 किलोग्राम) होता है।
भौतिक सोने की खरीद पर कोई लॉक-इन प्रतिबंध नहीं है। लेकिन एसजीबी बांड को खरीद समय से पांच साल पूरे होने तक भुना नहीं सकते।
भौतिक सोना खरीदने से आपकी सुरक्षा और शुद्धता को खतरा होता है। दूसरी ओर, SGB में कुछ तरलता संबंधी चिंताएँ हो सकती हैं।