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Sheela Bajaj Crochet : क्रोशिया के शौक ने 81 की उम्र में खड़ा कर दिया व्यवसाय, अब "Startup Queen" के रूप में मिली पहचान

Sheela Bajaj Crochet

आज Sheela Bajaj ने साबित कर दिया कि उम्र महज एक संख्या है।
पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी में रहने वाली 81 वर्षीय शीला बजाज ने दिखाया है कि अपने सपनों को पूरा करने में उम्र कोई बाधा नहीं होती। उन्हें शानदार क्रोशिया स्वेटर और बुनाई वाली कलाकृतियों के लिए ‘स्टार्टअप क्वीन’ कहा जाता है।

विभाजन के दौरान Sheela Bajaj को बिहार जाना पड़ा:

Sheela Bajaj ने दिल्ली में कई सालों से क्रोशिया और बुनाई का काम किया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने इसे व्यवसाय में बदल दिया।
क्रोशियाई सामान, जैसे घर की साज-सज्जा, कपड़े, डिजाइनर बैग और खिलौने, बड़े पैमाने पर खरीदे जाते हैं। भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद, शीला अपने परिवार के साथ बिहार में बस गई, जहां उन्होंने दसवीं तक पढ़ाई की।

शीला की माँ ने क्रोशिया बनाना सिखाया:

Sheela Bajaj Crochet
Sheela Bajaj Crochet

शादी करने के बाद Sheela Bajaj दिल्ली आ गईं और अब वहीं बस गयी। शीला बहुत छोटी थीं, तब उनकी मां ने उन्हें क्रोशिया बनाना सिखाया था।  कई बार डाँटने और बताने के बावजूद भी वे धागे नहीं गिन पाती थीं। एक दिन वे क्रोशिया चलाना सीखने के लिए अपनी मौसी के घर गईं और वहां क्रोशिया चलाना ​​सीख लिया। शीला परिवार की सबसे बड़ी बहू हैं।
वह अपनी ननदों और देवरों को उनकी शादी में डिजाइनर स्वेटर और क्रोशिया के घरेलू डेकोर सामान देती थीं।  वे धीरे-धीरे छोटे-छोटे घरेलू सामान बनाने लगीं।
लेकिन वे नहीं जानते थे कि उनकी कला धन ला सकती है।

COVID-19 महामारी में पोती ने इसे व्यवसाय में बदला :

Sheela Bajaj Crochet

महामारी के दौरान ही Sheela Bajaj की जिंदगी ने एक अलग दिशा पकड़ी। उस समय सब कुछ ठहर गया था। बाहर जाना बंद हो चुका था। अब घर में खाली बैठना बहुत मुश्किल हो गया था। घर में खाली बैठने से अच्छा था कि पुराने क्रोशियाई कला से कुछ बनाया जाए। पोती युक्ति से कुछ पुराने कपड़े और स्वेटर मांगे, उनसे कुछ बनाया जो युक्ति को बहुत पसंद आया और उसने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बेचना शुरू कर दिया। पिछले पांच वर्षों से वह क्रोशिया के उत्पादों को ऑनलाइन बेच रही है।

सप्ताहिक आर्डर से लाखों रुपये कमाती है और बनी "Startup Queen" :

Sheela Bajaj Crochet
Sheela Bajaj Crochet

जिस उम्र में लोगों को लगता है कि धीरे-धीरे उनका हुनर ​​खत्म हो रहा है, उस उम्र में शीला बजाज ने घर पर बैठकर अपने हुनर ​​को निखारने में अधिक समय दिया। मंदिर तक चलने की क्षमता खो चुकी शीला ने पूरा दिन घर पर बिताया। इतनी अधिक उम्र होने के बावजूद क्रोशिया बनाने की गति और आँखों की रोशनी में कोई कमी नहीं आयी है। फिलहाल, Sheela Bajaj को सप्ताह में 20 से 25 ऑर्डर मिलते हैं और वह एक महीने में 30 हजार रुपये से अधिक कमा लेती है। सालाना लाखों रुपये कमाने वाली शीला, देश भर में अपनी अनोखी क्षमता के कारण “Startup Queen” के नाम से जानी जाती है।

शीला की प्रेरणा से दादी ने संपर्क किया:

पोती युक्ति ने बताया कि उनकी दादी को पहला ऑर्डर क्रोकेट से बने झुमकों का था। Startup Queen के नाम से प्रसिद्ध होने पर आसपास के लोगों ने उनसे सीखने के लिए मिलना चाहा. धीरे-धीरे, शीला के काम से प्रेरित होकर और भी दादियां उनके साथ जुड़ गईं, जो यह कला सीखकर आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं।
“बूढ़ी होने के बावजूद किसी को हार नहीं माननी चाहिए,” शीला ने कहा। हर व्यक्ति की अपनी अलग-अलग कला को समझना महत्वपूर्ण है। जो लोग चल सकते हैं, उन्हें चलने वाले काम करने चाहिए, और जो लोग नहीं चल सकते, वे घर बैठे अपने हुनर का उपयोग कर सकते हैं।

दृढ़ संकल्प, साहस और शक्ति की जरूरत है। हमें किसी चीज के लिए मना नहीं करना चाहिए, चाहे ऑर्डर छोटा हो या बड़ा हो। दादी शीला बजाज के क्रोकेट उत्पाद हर उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध हैं। जब हम बच्चों की बात करते हैं तो इनर, स्वेटर, मोजे, कप, मिट्टेंस और खिलौने सब कुछ शामिल हैं। उधर, युवा लोगों के पास स्वेटर, डिजाइनर कैप, इयररिंग्स और बैग हैं। बेडशीट, डिजाइनर बकेट और दीवार हैंगिंग भी घर की सजावट के सामान हैं। सभी सामान ऑनलाइन बेचे जाते हैं।

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