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ToggleMercedes Benz : 2 वर्ष की आयु में पिता नहीं रहे, इंजन की खोज की, आज ₹ 4.7 लाख करोड़ की कंपनी की वैल्यू

100 वर्षो से अधिक समय से दुनिया में राज़ कर रही, कार निर्माता कंपनी Mercedes अपनी कीमती कारों के लिए जानी जाती है | आज इस कंपनी को Mercedes के नाम से जानते है लेकिन जिसने इस कंपनी की नींव रखी। उनकी उस समय पर बहुत मजाक बनाया गया। बात कर रहे है Karl Benz की।
जिन्हे खुद पर अथक विश्वास था और लोगो को दूर जाने के लिए चार पहियों वाला वाहन के बारे में सोचते थे।
जब इन्होने इसे बनाना चाहा तो सबने मजाक बनाया, लेकिन फिर भी सफलता के पीछे लगे रहे और इंजन बनाकर लोगो का मुँह बंद कर दिया। आज Karl Benz तो नहीं है लेकिन उनके द्वारा रखी गयी नींव को लोग बेशकीमती समझकर खरीदते है और तारीफ भी करते है।
आज इस लेख में Mercedes Benz के फाउंडर Karl Benz के बारें में विस्तार से चर्चा करेंगे। उनके द्वारा किये गए संघर्ष और सफलता का पूरा व्याखित वर्णन करेंगे।
Karl Benz द्वारा बनाया गया इंजन MotorWagen :


1844 में पैदा हुए Karl Benz ने जिंदगी में बहुत गरीबी देखी थी। लेकिन कार्ल को मशीनों से बहुत प्यार था। इनका सपना था कि बिना घोड़ो वाली गाड़ी, जो लोगो को इधर से उधर जाने में आसान रहे। लोगो ने इसको असंभव कहा।
27 वर्ष की उम्र में Karl Benz ने कंपनी लांच कर दी। बिज़नेस पार्टनर को धैर्य की कमी के चलते कार्ल को कंपनी से बाहर कर दिया। पार्टनर थोड़ा सुरक्षित होकर कंपनी चलाना चाहता था। लेकिन कार्ल को नवाचार पसंद था। वे रुके नहीं और छिपकर इसपर काम करते रहे।
10 वर्षो के बाद गैस से चलने वाली कार को बनाया। उस समय इसे चला पाना सबके लिए आसान नहीं था।
पत्नी Until Bertha ने कार का इस्तेमाल करके 105 किमी अपनी माँ से मिलने जाकर ये सिध्द कर दिया कि Karl Benz द्वारा बनायीं गयी कार सफलतापूर्वक लोगो को ले जा सकती है।
इस तरह, Karl Benz ने 1886 में Benz Patent Motowagen को पेटेंट कराकर दुनिया में पहला कार निर्माता बन गया।
जब Mercedes ने Daimler से विलय कर लिया :


1886 में खोज किये गए इंजन से karl को अच्छा वर्चस्व हासिल हो चुका था। अब उनके पास काफी आर्डर भी आने लगे।
इन सब पर Daimler कंपनी, जो खुद कार के नए रिसर्च में लगी हुई थी। 1926 में दोनों कंपनियों ने विलय कर लिया।
Daimler जो DMG नाम से वर्चस्व में थी। जो लिक्विड पेट्रोलियम व्हीकल की कार बनाने की रिसर्च में थी।


आगे चलकर दोनों कंपनियों ने मिलकर ऐसी कार बनायीं, जो लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी के रूप में उभर कर आयी।
Mercedes का नाम Mercedes कैसे पड़ा:
DMG के संस्थापक Daimler की मृत्यु के बाद Emil Jellinek शामिल हुए। ऑस्ट्रियाई उद्योगपति Emil Jellinek एक भावुक रेसिंग प्रेमी थे।
वास्तव में, Mercedes का नाम मर्सिडीज जेलिनेक, एमिल जेलिनेक की बेटी, पर रखा गया था।
1900 में Emil Jellinek ने एक रेस जीती थी। उसने इस रेस में Daimler की कार चुनी थी। इस जीत से Emil Jellinek को बहुत ख़ुशी थी और उन्हें लोगो में वर्चस्वता हासिल होने लगी।
इसके बाद Emil Jellinek ने Daimler Motoren Gameshaft Company को एक नई कार बनाने का आदेश दिया। कम्पनी के इंजीनियरों से उन्होंने कहा कि नई कार तेज, शक्तिशाली और आलीशान होनी चाहिए।


जब कार बनकर तैयार हुई तो Emil Jellinek ने इसका नाम अपनी बेटी के नाम पर Mercedes रख दिया। लेकिन Mercedes Benz नाम 1926 में आधिकारिक रूप से शुरू किया गया।
Mercedes Benz का विस्तार :
- तानाशाह अडॉल्फ हिटलर के लिए भी Mercedes Benz ने कार बनायीं, साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन्स के लिए हथियार, एयरक्राफ्ट के इंजन और सबमरीन भी बनाये।
- 1886 में Benz Patent MotorWagen का पेटेंट दिया गया था।
- कार्ल को ही दुनिया का पहला ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला था और Karl Benz ने दुनिया को पहला इंटरनल कंबशन वाला इंजन दिया।
- Benz Patent Motorwagen ने जीवाश्म ईंधन से चलने वाली पहली मोटर कार बनाई।


- 1924 तक Daimler और Benz एक दूसरे से अलग थे। बाद में दोनों ने मिलकर आटोमोबाइल्स और इंजन बनाए।
- 1926 में, Daimler-Benz के बनने वाले वाहनों को Mercedes Benz वीइकल्स के नाम से पहचान मिली।
- Mercedes का Icon Logo ‘जल, जमीन और हवा में मोबिलिटी’ को दर्शाता है।
- 1998 में, घड़ी बनाने वाली कंपनी के साथ मिलकर SmartFortWo स्मार्ट कार बनाई।
- 1994 में कंपनी ने महाराष्ट्र के पुणे में अपना पहला प्लांट बनाया। यहीं कार के नए मॉडल असेंबल होने लगे।
- 1995 में, कंपनी ने भारत में अपने Mercedes Benz W124 मॉडल को पेश किया।
Mercedes Benz का इतिहास संक्षेप में :


Daimler और Karl Benz जर्मनी के 2 इंजिनियरों ने पेट्रोल से चलने वाली कार बनाने का प्रयास किया।
1885: Daimler ने लिक्विड पेट्रोलियम व्हीकल बनाया था।
1886: Karl Benz ने MotorWagen इंजन का पेटेंट कराया।
1890: Daimler ने विल्हेम मैबेक के साथ मिलकर DMG कंपनी की शुरुआत की।
Karl Benz ने अपनी कंपनी को Benz & Cie नाम दिया था। Daimler की मृत्यु के बाद, Mercedes का नाम Emil Jellinek की बेटी पर पड़ा।
1902: कंपनी का नाम Mercedes हो गया।
1924: Daimler और Karl Benz ने 28 जून 1926 को समझौता करके, मर्ज होकर Daimler-Benz बना दी।
1926 : Mercedes Benz के नाम से पहली कार लांच की गयी।