fursatonline.com

Table of Contents

2020 के COVID‑19 लॉकडाउन की वो खतरनाक रातें …

यह कहानी ( Jyoti Kumari Story ) बिहार के दरभंगा ज़िले के सिरहुल्ली गांव में 2005 में जन्मी ज्योंति कुमारी पासवान की है जो कोविड के समय मात्र 15 वर्ष की थी उस समय उनके जीवन में एक ऐसा खतरनाक मोड़ आया जिसकी कल्पना उन्होंने सपने में भी नहीं की होगी कोविड के समय जब हर जगह लॉकडाउन लगा हुआ हो.
ऐसे समय में उनके पिता जी अचानक से बीमार पड़ गए जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था

jyoti kumari story

जब ज्योंति को 1200 km यात्रा की शुरुआत करनी पड़ी:

ज्योंति ( Jyoti Kumari Story ) के पिता मोहन पासवान, एक ई‑रिक्शा ड्राइवर थे और वे अपने परिवार के एकमात्र जीविका के साधन थे अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए अपने गांव से दूर गुरुग्राम (हरियाणा) में गुजर बसर करने के लिए गए जहा वो कोविड (COVID‑19) के दौरान अचानक से बीमार पड़ गए
और COVID‑19 लॉकडाउन के दौरान न तो उचित साधन थे और नाही कोई उचित इलाज की व्यवस्था , परन्तु साहसी ज्योति को तो अपने पिता को बचाना ही था तो उन्होंने निर्णय लिया की वह अपने पिता का इलाज कराने के लिए कुछ भी करना पड़े तो करेंगी , परन्तु उस समय न तो उनके पास पैसे थे और नाही कोई जान पहचान एवं साधन भी COVID‑19 लॉकडाउन के दौरन बंद थे
तो ज्योति ने पिता जी की साइकिल से 1200 km पिता को साइकिल पर बैठाकर हरियाणा से बिहार तक ले जाने का साहसिक निर्णय लिया।

jyoti kumari story

चुनौतियाँ और दर्द:

1200 km का सफर बीमार पिता को संभालते हुए साथ-साथ पैदल भी चलना हुआ तो वो भी तय करती रही साइकिल से , बसें बंद थी , खाने पिने का सामान नहीं था और सारी दुकाने भी बंद पड़ी थी न कोई मदद करने वाला था

 रास्ते में आईं परेशानियाँ:

ज्योति ( jyoti kumari story ) की कई जगह साइकिल खराब हो जाना एवं उनको पेट भर खाना नहीं मिलना साथ ही कई दिनों तक भूखे ही सफर तय करना पड़ा एवं रास्ते में पिता की तबीयत कई बार बिगड़ रही थी जो की बहुत भयानक पल थे ज्योति के लिए साथ ही उनको दिन में धूप और रात को सुरक्षा की चिंता भी थी एवं लॉकडाउन कारण पुलिस द्वारा पूछताछ भी लगा रहता था

जगी उम्मीद की एक छोटी सी किरन:

ऐसे में एक दिन उनका वायरल हुआ एक छोटा सा वीडियो जिसमें वह 1200 km तक लगातार साइकिल चलाती नजर आई, और उसे देश-दुनिया ने सलाम कर दिया।
उनके वायरल हुए वीडियो से उनको लोगो से समर्थन मिलने लगा, गांव-गांव से लोग एकत्रित होकर — पानी, खाना और सुरक्षा प्रदान कराया
उनकी कई बार ऑनलाइन पोस्ट्स वायरल हुईं, लेकिन न तो किसी बड़े चैनल से संपर्क था, न पैसा।
परन्तु ज्योति ( jyoti kumari story ) का लक्ष्य फेमस होना नहीं था उनको तो अपने बीमार पिता का इलाज करना था!

jyoti kumari story

क्या हुआ जब ज्योति बिहार पहुंची?

जब ज्योति अपने पिता को लेकर अपने गांव पहुंची, तो परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा देश हैरान था। की मात्र 15 वर्ष की छोटी से लड़की अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 km दूर अपने गांव ले आयी यह खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो गई।

“बाप की जान बचाने निकली बेटी बन गई देश की शान!”

जिनेक जीवन को बचाने के लिए इतनी कठिनाईओं उठाई वो नहीं रहें:

ज्योति कुमारी के जीवन में फिर से टूट पड़ा ग़मों का पहाड़ कुय्की दिनांक 31 मई 2021 को उनके पिता मोहन पासवान की मौत हार्ट अटैक पड़ने से हो जाती है ज्योति कुमारी की कहानी ( Jyoti Kumari Story ) वाकई में बहुत प्रेणादायक और कस्ट से भरी हुई!

jyoti kumari story

परिणामः

इस अद्वितीय साहसिक यात्रा के लिए ज्योंति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराह एवं ज्योति को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 2021 में सम्मानित किया गया
संयुक्त राष्ट्र से भी सराहना मिली। एवं साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उनको ट्रायल के लिए बुलाया।
समाज ने इसे एक नयी प्रेरणा मानकर समार्थन दिया: “बड़े लक्षण वाले लोग नहीं, यह लड़की ही असली नायक है।”
बॉलीवुड में भी इस कहानी को फिल्म के रूप में प्रस्तावित किया गया — ज्योंति खुद उस फिल्म में अपनी कहानी ( jyoti kumari story ) निभाएँगी!

क्यों खास है यह कहानी?

इस कहानी ( jyoti kumari story ) में सिर्फ मजबूरी नहीं, हिम्मत, हौसला और उम्मीद है। यह एक ऐसी लड़की की कहानी है जिसने दुनिया को दिखा दिया कि अगर चाह हो, तो कोई भी रास्ता मुश्किल नहीं।

jyoti kumari story

निष्कर्ष:

ज्योति कुमारी ( jyoti kumari story ) की यह कहानी आज भी इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली प्रेरणादायक कहानियों में से एक है। ये सिर्फ एक लड़की की नहीं, भारत की बेटियों की ताकत की कहानी है।

अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें और ऐसे और रियल-लाइफ मोटिवेशनल ब्लॉग्स के लिए जुड़े रहें।

और पढ़ें:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top