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ToggleJio : Jio ने ऐसा क्या किया कि Idea/Vodafone को साथ में होना पड़ा और Airtel ने त्रैमासिक परिणाम में 15 साल के इतिहास में हुआ नुक्सान
Jio के टेलीकॉम इंडस्ट्री में आने से लोगों को नेट बहुत आसान और सस्ता हो गया है, लेकिन इसके पीछे भी मुकेश अंबानी की मार्किट रणनीति थी, जिसके कारण इस इंडस्ट्री के तमाम ऑपरेटर को अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा।
इस लेख के समझेंगे की किस तरह से jio ने नुकसान की फ़िक्र न करते हुए, फ्री में सबको नेट का लालच दिया और आज 6.6 लाख करोड़ की कंपनी बन गयी।

2016 में Jio हुआ लांच :
5 सितम्बर 2016 को jio मार्किट में उतर चुका था। हर थोड़ी दूर में एक बड़ी सी लाइन, जहां आम आदमी जिओ की नई सिम खरीदने के लिए उत्सुक था।
फ्री नेट की सैलाब फैल गई। Airtel, Idea, Vodafone और BSNL के ग्राहक Jio को चुन रहे थे।
मानो, टेलीकॉम इंडस्ट्री में तख्ता पलट हो चुका था। Airtel, Idea, Vodafone ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे।
जिओ ने फ्री का ऐलान कर दिया था –
- Free Calls
- Free Texts
- Free Unlimited 4G Data
Jio ने टेलीकॉम क्षेत्र में एक अवसर देखा:


2016 से पहले, मार्किट में 3 सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी थे: Idea, Airtel और Vodafone. इन तीनो की मार्किट में मजबूत पकड़ थी।
लोगों से बात करने के लिए प्रति मिनट पैसे चार्ज किये जाते थे। उस समय लोग Phone पर लम्बी बात नहीं कर पाते थे।
मार्किट का 70% नियंत्रण इन्ही तीनो कंपनियों के हाथ में था। डाटा बहुत ही विलासिता की चीजों में माना जाता था। अमीर लोग ही इसको प्राप्त कर पाते थे।
1 जीबी डाटा का मूल्य 200 से 355 रुपये था।
इसको अंबानी परिवार ने बहुत बारीकी से समझा कि 70% मार्किट शेयर में कम चार्ज करके भी पकड़ नहीं बनायीं जा सकती थी।
Jio ने Calling से लेकर वीडियो कॉल तक छह महीने फ्री कर दिया। टेलीकॉम इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ।
जिओ ने पहले ही महीने में 1.6 करोड़ यूजर प्राप्त कर लिए। 3 महीने में 5 करोड़ और 6 महीने के आखिरी तक 10 करोड़ से भी ज्यादा यूजर प्राप्त कर लिए थे। इससे Jio सफल हो गया |
Jio ने 4G ही क्यों लांच किया :


यूजर को 3G में ही काफी संघर्ष करना पड़ता था। डाटा उचित मूल्य पर नहीं मिलता और 250 रुपये खर्च करके डाटा लेने पर स्पीड खराब होती है।
Ambani ने इन सब बातों को भली भांति समझा था, 3G के चक्कर में न पड़कर सीधे 4G को बाजार में लांच किया।
Jio ने बाजार में आने से पहले ही 18,000 कस्बो और 2 लाख से अधिक गाँवों में अपना नेटवर्क फैला दिया था।
जिससे गाँवों में 4G लांच होने पर कोई समस्या न हो और अधिकांश ग्राहक Jio पर आ जाएं।
उसने करोड़ों रुपये निवेश करके टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्रवेश किया, बिना अपने वित्तीय खतरे को ध्यान में रखते हुए। न सिर्फ फ्री सेवाएं देना चाहता था, बल्कि उपभोक्ता के व्यव्यहार को भी बदलना था क्योकि सारे उपभोक्ता इसके काबिल थे।
लाखो भारतीयों ने पहले कभी मोबाइल नहीं प्रयोग किया था, लेकिन आज Jio सिम के साथ नया फोन खरीद रहे थे।
Jio की रणनीति:
- जिओ जानता था कि 3G नेटवर्क लांच होने पर व्यवसाय को आसानी से जल्दी स्केल नहीं किया जा सकेगा। यही कारण है कि सीधे 4G नेटवर्क को बाजार में लांच कर मास्टर स्ट्रोक साबित हुए।
- Idea, Vodafone और Airtel को टेलीकॉम से पूरी तरह से दिवालिया करने की योजना थी, Airtel ने अपने आप को बचाया, लेकिन Idea और Vodafone लगभग दिवालिया हो गए। फिर दोनों ने विलय कर लिया और Vi कंपनी बन गए।
- Jio ने पहले ही 1.6 लाख करोड़ रुपये खो चुकी थी जिसको बाजार से वापस निकालकर खुद को लाभ में करना था।
- 6 महीने खत्म होते ही 10 रुपये Per GB चार्ज करना शुरू कर दिया।
Consumption में भारी इजाफा :


Jio के फ्री वीडियो कॉल और कालिंग की वजह से महीने का औसत डाटा खपत 50 गुना बढ़कर 10 जीबी हो गया।
Internet 27% से 47% तक अपने सर्वोच्च स्थान पर पहुंच गया।
भारत ने दुनिया में सबसे कम रेट पर डाटा प्रदान किया है। Jio को 40 करोड़ यूजर तक पहुंचने में अधिक समय नहीं लगा।
Jio की फ्री सर्विस की वजह से Airtel को 15 साल के इतिहास में त्रैमासिक परिणाम में नुकसान जारी करना पड़ा।
Jio का टेलीकॉम उद्योग में 40% मार्केट शेयर:


वर्तमान में Jio, 6.7 लाख करोड़ रुपये का मालिक है। कंपनी ने करोड़ों रुपये का जोखिम लेकर “वित्तीय आत्महत्या” की, लेकिन आज सफलता मिली।
भारत का डिजिटलीकरण 13.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। Jio की मदद से लाखो बिज़नेस ऑनलाइन आ सके हैं और हर महीने 8.3 मिलियन वित्तीय लेनदेन होते हैं।
आज Jio मासिक रिचार्ज पर शुल्क बढ़ा सकता है क्योंकि वह टेलीकॉम क्षेत्र में 40% मार्केट शेयर रखता है।
लोगो के जीवन में ऑनलाइन माध्यम से सफलता की राह और आसान हुई है, जिसका श्रेय Jio को ही जाता है।