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Hatsun Agro Products : घर बेचकर करोड़ो की कंपनी बनायीं, कभी ₹ 65 की सैलरी में काम करते थे

बिज़नेस की नींव छोटे-छोटे लक्ष्यों और प्रयासों से रखी जाती है। गांव में कभी ठेले में आइसक्रीम बेचते थे और आज ₹ 20,000 करोड़ के मालिक बने हुए है। बिज़नेस को अच्छे मुकाम तक पहुंचने में समय लगता है। लेकिन उसके लिए आर जी चंद्रमोगन की तरह निरंतर छोटे प्रयास करते रहना भी आवश्यक है।

Hatsun Agro Products

R.G. Chandramogan ने वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण पढ़ाई छोड़कर व्यवसाय पर अधिक ध्यान दिया। इसके लिए उनके पिता अपनी पूरी संपत्ति बेचने को तैयार हो गए था। उस समय का लिया गया फैसला आज करोड़ो की संपत्ति की ओर ले गया।

इस लेख में आर जी चंद्रमोगन द्वारा स्थापित की गयी Hatsun Agro Products कंपनी की संघर्षयात्रा के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करेंगे।

पिता की संपत्ति बेचकर रखी बिज़नेस की नींव :

21 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने उद्यमी बनने का सपना देखा था, और उनके पिता भी उनके सपनों में शामिल थे। इन्होने इसके लिए अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी और पिता से ₹13000 लेकर व्यवसाय शुरू करने लगे। 1970 की बात है जब R. G. Chandramogan के पिता ने Hatsun Agro Products व्यवसाय को बनाने के लिए अपनी संपत्ति बेचकर पूँजी प्रदान की ।
इसके बाद इन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 250 वर्गफुट की जगह किराए में लेकर 3 कर्मचारियों के साथ अपना व्यवसाय शुरू किया।
R. G. Chandramogan ने बताया कि 3 कर्मचारियों – पांडियन, राजेंद्रन और परमशिवन के साथ व्यवसाय की शुरुआत करना मै कभी नहीं भूल सकता।

₹ 65 की सैलरी से की थी शुरुआत :

आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया। 1970 के दशक में आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लकड़ी मील की कंपनी में नौकरी करने लगे। जिसमे मात्र ₹ 65 की सैलरी ही मिलती थी।

आर जी चंद्रमोगन को पता था कि इस मील से उनका जीवनयापन का गुजारा नहीं चल सकता। अपने पिता के सहयोग से व्यवसाय करने को राजी हुए और आज करोड़ो की कंपनी खड़ी कर दी।

घर में ही आइसक्रीम की फैक्ट्री बनाई और Arun Icecream की हुई शुरुआत :

Hatsun Agro Products के संस्थापक R. G. Chandramogan ने 1974 में घर में ही फैक्ट्री शुरू करने का विचार किया क्योंकि उन्होंने समझा कि व्यवसाय को बढ़ाना जरूरी है। दिन के दौरान घर में बनी फैक्ट्री में 10,000 कैंडी का उत्पादन करते थे और रात में चंद्रमोगन का शयनकक्ष बन जाता था। सफलता उनको दिखने लगी तो जल्द ही शिप चांडलरों का विस्तार भी कर दिया। जिसकी मदद से जहाज से खाद्य पदार्थो की आपूर्ति हो जाती थी।  
उन्हें जल्द ही पता चल गया था कि बाज़ार का आकार बढ़ाना है तो आइसक्रीम की डेयरी का विस्तार करना पड़ेगा।
आख़िरकार, 1981 में Arun Icecream की शुरुआत कर दी।

Hatsun Agro Products की स्थापना और कंपनी का विस्तार :

1980 के दशक में दासप्रकाश, HUL की क्वालिटी वॉल्स और जॉय का दक्षिण भारत में अच्छी पकड़ थी। उस समय साउथ में कोई नई कंपनी को बाजार में सफलता मिलना बहुत मुश्किल था। तमिलनाडु में स्थानीय से लेकर नए 3500 आइसक्रीम ब्रांड थे। प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल था, लेकिन असंभव नहीं था।
Hatsun Agro Products ने कुछ ऐसा किया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। Hatsun Agro Products ने चावल के साथ आइसक्रीम को पैक कर ट्रेनों में रखा। जिससे लोगो का आकर्षण Hatsun Agro Products की तरफ बढ़ा।

Hatsun Agro Products को आइसक्रीम पार्लरों में बिक्री से काफी पैसा बचा। देखते ही देखते Hatsun Agro Products 1985 तक तमिलनाडु में सबसे बड़ा विक्रेता बन गया।
कंपनी का अपार सफलता देखकर R. G. Chandramogan ने 1986 में कंपनी का नाम Hatsun Agro Products कर दिया, जो पहले Arun Icecream हुआ करता था।

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कंपनी का विस्तार : 

1995 तक इसका विस्तार केरल और आंध्रप्रदेश तक भी हो गया। कंपनी के आउटलेट भी खुलने लगे और जल्द ही 700 आउटलेट के साथ दक्षिण भारत का सबसे बड़ा विक्रेता बन गया। 
2001 तक Hatsun Agro Products ₹ 100 करोड़ का व्यवसाय बन गए। धीरे-धीरे कंपनी निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी बन गई और ₹7200 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त करने लगी।
Hatsun Agro Products कंपनी के 12000 गांवों में लगभग 10,500 से अधिक दूध बैंक, 50,000 कर्मचारी और 14 सयंत्रो का नेटवर्क है। Hatsun Agro Products प्रतिदिन 60,000 लीटर से अधिक आइसक्रीम बनाती है।

Hatsun Agro Products की नेटवर्थ ₹ 20,000 करोड़ :

Hatsun Agro Products एक प्रसिद्ध दक्षिणी आइसक्रीम ब्रांड बन गया है। जिसकी वैल्‍यूएशन करीब ₹ 20 हजार करोड़ है। Hatsun Agro Products के संस्थापक चंद्रमोगन का नाम आज फोर्ब्स बिलेनियर्स की सूची में शामिल है।  इन्हें भारत की अमीरों की सूची में 93वां स्थान मिलता है। फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति ₹ 20,000 करोड़ से अधिक है। 

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