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ToggleFebruary : फरवरी ही इतने कम दिनों की?
वर्तमान समय में हर माह 30 दिनों से कम नहीं है लेकिन फरवरी को 28 एवं लीप वर्ष में 29 दिनों का होना एक खास वजह बताता है | फरवरी वर्ष का दूसरा महीना होते हुए यह सबसे छोटा माह भी कहा जाता है |
फरवरी में आमतौर पर 28 दिन होते हैं, लेकिन Leap Year में 29 दिन होते हैं और 2024 एक लीप वर्ष भी है |
लोग कहते है February फुर्र से उड़ जाती है क्योकि इसमे दिन कम होना और न ज्यादा सर्द और न ही ज्यादा गर्म होता है यह माह लोगो का अत्यंत खुशनुमा एवं ताजगी भरा होता है|
इस महीने लोग घूमना और सैर करना भी बहुत पसंद करती है| ये खास होने का कारण यह भी है कि इसमे प्रेमी युगलों को अपने प्यार का इजहार करने का एक अवसर भी रहता है|
February को वैलेंटाइन का महीना भी कहा जाता है |
ऐसे हुई Leap Year की शुरुआत :
वर्तमान में ग्रेगोरियन कैलेंडर का ही उपयोग किया जाता है, जो एक सौर डेटिंग प्रणाली है | इसे 1582 में पोप ग्रेगरी XIII ने जूलियन कैलेंडर के सुधार स्वरूप बनाया गया था |
कैलेंडर में लगभग हर चार वर्ष में एक अतिरिक्त दिन जोड़ा जाता है। सौर वर्ष में 365 1/4 दिन होते थे, और हर चार साल में एक “लीप डे” के अंतराल का उद्देश्य कैलेंडर और ऋतुओं के बीच संचार करना था।
अध्ययन ने यह पाया कि पृथ्वी अपने ऑर्बिट (सूर्य के बाहरी ओर एक चक्र जिसमें पृथ्वी चक्कर लगाती है) में सूर्य के चक्कर लगाने में 365 दिन से अधिक का समय लेती है, लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 365 दिन दोनों को मानक रूप से लेने के कारण थोड़ी सी अशुद्धियों का सामना करना पड़ा|
जिसमें पता चला कि पृथ्वी को अपने ऑर्बिट में एक चक्र को पूरा करने में सटीक रूप से 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 45.25 सेकंड लगते हैं।
इसलिए, 4 वर्षों में इस अतिरिक्त समय को पूरा करने पर एक दिन की अवधि बढ़ जाती है यानी 4 वर्षों में एक दिन का इजाफा होता है और Leap Year का उदय होता है।
हर शताब्दी वर्ष Leap Year नहीं ?
ग्रेगोरियन कैलेंडर दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाता है। पोप ग्रेगोरी XIII ने इसे लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक पहले बहुत लोकप्रिय था, लेकिन इसमें कई त्रुटियाँ थीं, जो ग्रेगोरी कालदर्शक ने दूर कीं।
जूलियन कैलेंडर में 365 दिन 6 घंटे का वर्ष माना जाता था, लेकिन 400 वर्षों में यह 3 दिन से कुछ अधिक है। रोम के 13वें पोप ग्रेगरी ने इस भूल पर सबसे पहले विचार किया।
1582 में, उन्होंने हिसाब लगाया कि 325 ईसवी में हुए नाइस नगर के धर्म-सम्मेलन से पूर्वोक्त आधिक्य 10 दिन बढ़ा था, क्योंकि इसे गणना में नहीं लिया गया, इस कारण तारीख 10 दिन पीछे चल रही थी।
1582 ईस्वी में नेपुलस के ज्योतिषी एलाय सियस लिलियस से परामर्श लेकर उन्होंने 5 अक्टूबर को 10 दिन जोड़कर 15 अक्टूबर को निर्धारित किया |
तब से नियम बन गया कि जो शताब्दी वर्ष 4 से पूरी तरह विभाजित होने के साथ-साथ 400 से पूरी तरह विभाजित हो तभी उसे लीप वर्ष कहा जाएगा, अन्यथा नहीं।
1582 ईस्वी के बाद 1600 ई० शताब्दी वर्ष आया जो 4 से विभाजित होने के साथ-साथ 400 से भी पूर्ण विभाजित था| अतः वह नयी पद्धति से भी लीप वर्ष लीप ही हो रहा था |
बाद में शताब्दी वर्ष 1700, 1800, 1900 की लीप वर्ष में गणना न हुई क्योंकि ये 4 से पूर्ण विभजित होने के साथ 400 से विभाजित नहीं थे |
शताब्दी वर्ष 2000 को लीप वर्ष में शामिल किया गया और आने वाले शताब्दी वर्षों में 2100, 2200, 2300 को लीप में नही शामिल किया जायेगा |
इन देशों ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया :
इस नवीन पद्धति का आरंभ पोप ग्रेगरी ने किया इसलिए इसे ग्रेगोरियन पद्धति या नवीन पद्धति कहा जाता है |
ग्रेगोरियन कैलेंडर को धीरे-धीरे अन्य देशों ने भी अपनाया –
- 1699 में प्रोटेस्टेंट जर्मन राज्यों
- 1752 में ग्रेट ब्रिटेन और उसका उपनिवेश
- 1753 में स्वीडन
- 1873 में जापान
- 1912 में चीन
- 1918 में सोवियत समाजवादी गणराज्य
- 1923 में ग्रीस
इस्लामी देश ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग करते हैं, लेकिन धार्मिक कार्यों के लिए इस्लाम पर आधारित कैलेंडर भी बनाए रखते हैं।
February माह को अशुभ मानना अंधविश्वास ?
ग्रेगोरियन कैलेंडर के सबसे पुराने पूर्वज, रोमन कैलेंडर के पहले संस्करण से स्पष्ट रूप से अलग था| इसमें 12 के स्थान पर 10 महीने शामिल थे।
रोमन राजा नुमा पोम्पिलियस ने कैलेंडर को पूरी तरह से चंद्र वर्ष के साथ समन्वयित करने के लिए जनवरी और फरवरी को मूल 10 महीनों में जोड़ा|
किंतु नुमा ने रोमन अंधविश्वास के कारण सम संख्याओं को अशुभ होने के कारण अपने कैलेंडर में नहीं रखना चाहते थे। नुमा ने सम-विषम के क्रम को चलाने के लिये February को चुना क्योंकि यह 28 दिनों के रोमन अनुष्ठानों की मेजबानी करेगा।
एक तरह से इसकी उचित गणना न करने पर इसे अशुभ की श्रेणी में रखा गया जो पूर्ण रूप से अंधविश्वास ही था|
February खास होने की ये भी है वजह :
इस महीनें काफी ऐसे दिन भी होते है, जिन्हें पूरी दुनिया मे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है आइए उनके बारें में विस्तार से समझते है |
- 5th February – National Nutella Day
वैलेंटाइन वीक़ –
- 7th February – Rose Day
- 8th February – Propose Day
- 9th February – Chocolate Day
- 10th February – Teddy Day
- 11th February – Promise Day
- 12th February – Hug Day
- 13th February – Kiss Day
- 14th February – Valentine’s Day
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- 17th February – Kindness Day
- 22nd February – National Margarita Day
- 29th February – National Frog Legs Day
February में जन्म लेना भाग्यशाली :
हार्वर्ड की एक अध्ययन के अनुसार फरवरी में पैदा हुए बच्चे दूसरे महीनों में पैदा हुए बच्चों की तुलना में लंबे और मजबूत होते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि यह सात साल की उम्र में भी लागू होता था, किंतु यह वयस्कता तक जारी रहा तो कुछ अलग-अलग विचार थे।
एक अध्ययन ने पाया कि सर्दियों में पैदा होने वाले बच्चे अधिक संतुष्ट और अच्छे व्यवहार वाले होते हैं, भले ही उन्हें भूरे आसमान और ठंडे मौसम से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ सकती है।
फरवरी में जन्मे लोगों का कहना है कि वे अपने जीवन और करियर विकल्प से खुश हैं। साथ ही, इस अध्ययन ने पाया कि सर्दियों में जन्मे बच्चे बुद्धि परीक्षणों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
जर्नल ऑफ सोशल साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कुंभ राशि के तहत पैदा होने वाले लोगों में सेलिब्रिटी बनने की अधिक संभावना होती है। जेनिफर एनिस्टन, हैरी स्टाइल्स और क्रिस रॉक कुछ ऐसी हस्तियां हैं जो फरवरी के कुंभ राशि के हैं।
गणना के अनुसार, फरवरी के महीने में कम बच्चे पैदा होते हैं| इसका सीधा अर्थ है कि आपका जन्मदिन अपने आप में अलग है।