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Eggoz : 3 IITians, 3 वर्षो तक सीखा मुर्गी पालन, आज ₹200 करोड़ की नेटवर्थ

Eggoz

बिहार के तीन IITians ने दिखाया कि संघर्ष और कुछ करने का जूनून किसी भी व्यवसाय को सफल बना सकता है। हर चौराहे पर अंडे प्राप्त हो जाते है। जिनको लोग आसानी से उपभोग कर लेते है, बिना ये जाने कि ये अंडा कितना पुराना और स्वच्छ है। कभी तो गंदगी लगी रहती है, फार्म वाली मुर्गियों को केमिकलयुक्त खाना से अंडे का जनन और हमारे द्वारा किया गया उपभोग शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है।

 इन सब चीजों को बिहार के इन IITians ने देखा और चल पड़े अपनी राह में। Eggoz का नया स्टार्टअप और बनाया सफल। आज Eggoz का कुल नेटवर्थ ₹200 करोड़ से भी अधिक है।इस लेख में हम Eggoz की संघर्ष यात्रा पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

3 वर्षों तक मुर्गी पालन सीखा :

3 IITians दोस्त उत्तम कुमार, आदित्य सिंह और अभिषेक नेगी अच्छी जॉब करते थे। लेकिन मन में कुछ अलग करने की  चाह इनको इस कारोबार की तरफ ले आयी। Eggoz की शुरुआत करना इतना आसान नहीं था। इसके लिए उत्तम कुमार ने लगातार 3 वर्षों तक गांव के किसानों से मुर्गी पालन की कला सीखी। साथ ही किसानो की परेशानी भी समझी। 2017 में जॉब छोड़कर अंडे के ब्रांड का कारोबार की तरफ अपना योगदान बढ़ाया। अनुभव और अपनी तकनीक, मुर्गियों के खाने के विज्ञानं और नस्ल को भी सीखा। तब 2020 में अपना ब्रांड Eggoz को लांच कर दिया।

Eggoz की शुरुआत सिर्फ अंडो से ही क्यों :

32 वर्षीय अभिषके नेगी ने खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की है। शुरू से ही कारोबार की ओर रुख था। Eggoz के पहले “रोडर” नाम से ट्रेवल कंपनी की भी शुरुआत की थी। लेकिन वह सफल न रही।
इन्होने देखा कि लोग अंडो को प्रोटीन के लिए अधिक उपभोग करते हैं। ज्यादातर दुकानदार अंडे को धुले हुए नहीं देते हैं। कुछ में गंदगी और पुराने अंडो भी बेचते थे।
मुर्गियों पालन की तरफ देखा तो समझ आया कि फार्मिंग मुर्गियों को अच्छा खाना नहीं मिलता। केमिकलयुक्त खाना, जिसके अंडे खाकर हमें प्रोटीन के साथ कुछ हानिकारक चीजे भी प्राप्त हो रही थी।

Abhishek ने फैसला किया कि वे लोगों को अच्छे और शुद्ध अंडा देंगे। साथ ही फार्मिंग मुर्गियों को  उत्तम खाना, जिसके माध्यम से प्राप्त अंडो से भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जा सके।  2020 में Eggoz को लांच किया गया, 3 वर्षों की लगातार मेहनत के बाद।

Eggoz का जन्म 12,000 मुर्गियों के फार्म से :

2016 में विमुद्रीकरण के चलते ट्रेवल व्यवसाय को बंद करके, 2017 में मुर्गी फार्म खोलने का विचार किया। बिहार में 12000 मुर्गियों के फार्म पर शुरूआती रकम लगाई । मुर्गियों के बारे में कुछ भी पता नहीं था। लेकिन उत्तम का परिवार बिहार के पास ही रहता था। 3वर्षों तक वही के किसानो से मुर्गी फार्मिंग सीखी। संगर्ष यात्रा की शुरुआत कुछ इस तरह से हुई थी। 

11 चरणों में सेफ्टी चेक होकर पहुँचता है उपभोक्ता तक :

हर्बल फीड मुर्गियों के अंडे – मक्का, सोया, मूंगफली और चावल की भूंसी से बनाए जाते हैं। जो अच्छी तरह से पोषित हैं।
11 चरणों में सुरक्षा परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के बाद, अंडा 24-48 घंटे में सुरक्षित और ताजा डिलीवरी कर दी जाती है।  
ग्राहकों तक पैक्ड अंडे 1-2 दिन में पहुंचते हैं। जिनमें पर्याप्त ताजगी और पोषण है। पैक्ड अंडे स्वच्छ और सुरक्षित रहते हैं।

Eggoz की लोकप्रियता का कारण :

2017 के शुरुआती दौर में इनके जूनून और नए आईडिया में संजीव रंगरस और इंद्रेश सलूजा ने एंजेल फंडिंग के रूप में ₹10 करोड़ का निवेश किया। 2018 की शुरुआत में ही Eggoz ने मध्य प्रदेश में अपनी सबसे बड़ी विस्तार योजना की स्थापना की। कुल 60,000 मुर्गिया प्राप्त की और इस निवेश से अच्छा लाभ मिला।
कंपनी यही से सुर्खियों में आ गयी और 2019 में ₹19 करोड़ की और फंडिंग प्राप्त हुई। फिर धीरे-धीरे 1 लाख मुर्गियों की क्षमता वाले 10 Poultry Farm खोले, जो आज करोड़ों की नेटवर्थ तक पहुंच चुके हैं।

Eggoz किन शहरों में, कुल फंडिंग और नेटवर्थ :

Eggoz के अंडे Delhi NCR, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में उपलब्ध हैं। Instamart, Blinkyt और Zepto जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध है, साथ ही 5000 से अधिक ऑफलाइन स्टोर पर भी है।

2017 के शुरूआती दौर में संजीव रंगरस और इंद्रेश सलूजा द्वारा ₹10 करोड़ की एंजेल फंडिंग प्रदान की गयी। हाल ही में NABVENTURES, नाबार्ड द्वारा संचालित एक वीसी फंड, ने ₹30 करोड़ की सीरीज-ए फंडिंग कंपनी को दी है। अवाना कैपिटल, रीब्राइट पार्टनर्स और बेलेरिव कैपिटल जैसे नाम भी शामिल है। एंजेल निवेशक संजीव रंगरस और इंद्रेश सलूजा का भी निवेश है। 
Eggoz का वर्तमान नेटवर्थ ₹200 करोड़ से अधिक है।

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