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ToggleDoorBot Net Worth : शार्क टैंक ने किया Reject, फिर Amazon से ₹ 8500 करोड़ में हुई डील, बनी यूनिकॉर्न
हर बिज़नेस सफल हो जाता है, अगर खुद में जज्बा और जूनून हो। किसी के मजाक और ख़ारिज किये जाने पर भी जूनून में कमी न हो तो सफलता मिल ही जाती है। ऐसा ही कुछ Doorbot के संस्थापक के साथ हुआ था। बिज़नेस की नीव रख दी, आर्डर में कोई अधिक इजाफा नहीं था। फिर शार्क टैंक के जजों ने निवेश से ख़ारिज कर दिया और प्रोडक्ट का मजाक भी बनाया।

Doorbot के संस्थापक ने कुछ वर्षों की सफलता के बाद शार्क टैंक में एक जज के रूप में वापसी की।
इसलिए कहते हैं – जज्बो में कभी कमी नहीं होनी चाहिए, सफलता मिल ही जाती है। वर्षो किये गए संघर्ष कभी बेकार नहीं होते, सफलता एक दिन हाथ थाम ही लेती है।
DoorBot का बाजार में एकाधिकार :


2011 में स्थापित हुई DoorBot कंपनी की बाज़ार में अधिक पकड़ नहीं थी। लेकिन फिर भी DoorBot के संस्थापक Jamie Siminoff ने बाजार में डोरबेल के लिए इस प्रोडक्ट को उतारकर एकाधिकार हासिल किया।
उससे पहले भी जेमी सिमिनॉफ ने एक व्यवसाय बनाया और उसे अच्छी कीमत पर बेचा था। जो उनके लिए बहुत फायदेमंद था। पहले व्यवसाय से इतना परिपक्व हो चुके थे कि DoorBot का बिज़नेस शुरू करके बाजार पर काबिज हो गए।
2009 में बेचा गया बिज़नेस से कमाया मुनाफा :


Jamie Siminoff ने कई सफल और असफल प्रयासों के बाद फिर से अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एक नए उत्पाद का आविष्कार किया। इसके लिए वे वापस अपने पैसिफ़िक पैलिसेड्स गैरेज में गए। वे voicemail-to-text transcription software बनाने वाली कंपनी Simulscribe की शुरुआत करके सबसे सफल बिजनेसमैन संस्थापक बन गए। 2009 में Ditech नामक कंपनी के साथ ₹ 145 करोड़ की साझेदारी की । जिस सौदे में सिमिनॉफ़ को ₹ 8.5 करोड़ से ज़्यादा मुनाफा हुआ। इस मुनाफे से सिमिनॉफ़ अधिक खुश नहीं थे क्योकि वो जो चाहते थे उसका दुनिया में कोई सार्थक प्रभाव नहीं पड़ा |
DoorBot का विचार आया कैसे :


Jamie Siminoff की पत्नी एरिन घर में बहुत अंदर होने के कारण डोरबेल की आवाज़ नहीं सुन पाई। एरिन ने अपने पति Siminoff को इस बारे में बताया, जिसके बाद Siminoff को सेल फोन से कनेक्टेड डोरबेल बनाने का विचार आया। 2010 में बेचा गए बिज़नेस से कमाए लाभ से 2011 में DoorBot की नीव रख दी। बिना चिंता के बावजूद कि ग्राहक उनके उत्पाद को ₹ 17000 का खिलौना मानेंगे। इस पर पत्नी की सहमति होते हुए Siminoff ने अपना बैंक खाता खाली कर दिया। ताकि ताइवान में एक कारखाने से 5,000 डोरबेल की पहली खेप बनाई जा सके |
Shark Tank से हुए ख़ारिज और बाद में कंपनी का नाम भी बदला :


मई 2013 में लंच के समय, Siminoff की मुलाकात एक उद्यमी से हुई। जो उन्हें शार्क टैंक में जाने का सुझाव दिया। बहुत मेहनत के बाद, सिमिनॉफ को 4 महीने बाद अपना सेगमेंट टेप मिल गया और शो नवंबर में प्रसारित हुआ। लेकिन शार्क टैंक के जजों ने 10% इक्विटी हिस्सेदारी के लिए ₹6 करोड़ की डील को ठुकरा दिया। यही कारण था कि DoorBot को नए शिखरों पर ले जाने का जूनून आया। कुछ साल बाद DoorBot का नाम Ring कर दिया गया।
शार्क टैंक की उपस्थिति के चलते DoorBot ने अगले महीने में ₹ 8.5 करोड़ की बिक्री कर ली।
DoorBot को कई चुनौतीओं का सामना करना पड़ा:


DoorBot ने ₹ 8.5 करोड़ की बिक्री के बाद भी दबी हुई आवाज़, खराब पिक्चर क्वालिटी और खराब वाईफ़ाई कनेक्शन की भरपाई भी न हो पायी| अमेज़न पर काफी नकारात्मक समीक्षाओं का सामना भी करना पड़ा।
अगले 9 महीने तक, Siminoff ने 50 ग्राहकों के घर जाकर और उनके ईमेल पर जवाब दिया। Siminoff ने खराब वाईफ़ाई कनेक्शन जैसी बग को खुद ग्राहक के घर जाकर ठीक किया।
2015 में DoorBot में हुआ निवेश और अंततः ₹ 8500 करोड़ की कंपनी बन गयी :


2015 में एक अरबपति निवेशक Branson ने DoorBot को देखा। उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि ऐसी भी कोई चीज है, जिसके माध्यम से घर की चोरी से बचा सकता है।
घर पर कोई न भी हो फिर भी चोरी होने पर इस DoorBot के माध्यम से पता चल सकता है और चोरी को रोका जा सकता है। Branson ने कहा – ऐसे बिज़नेस पर शार्क टैंक ने निवेश से ख़ारिज कैसे कर दिया।
Branson DoorBot के मिशन से इतने प्रभावित थे कि वे ₹ 238 करोड़ का निवेश करने के लिए भी तैयार हो गए। अब DoorBot की वैल्यूएशन ₹ 500 करोड़ से भी अधिक पहुंच चुकी थी।
DoorBot के फाउंडर को शार्क टैंक में जज के रूप में बुलाया गया :


Amazon के अधिग्रहण के बाद भी Jamie Siminoff 2023 तक कंपनी के CEO बने रहे। Amazon की डील के बाद Siminoff को शार्क के रूप में Shark Tank द्वारा निमंत्रित किया गया।
उसके बाद 2019 में कंपनी ने –
- ₹ 3500 करोड़ राजस्व प्राप्त किया
- 14 लाख DoorBot भी बेचे गए
- 2021 तक कंपनी ने 1 करोड़ डिवाइस पूरी दुनिया में बेचे।