Dhruv Jurel selected for India Test 2024 : ध्रुव जुरल भारतीय टेस्ट टीम में हुए शामिल
12 जनवरी 2024कोबीसीसीआई(BCCI) ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट के लिए एक नई टीम का आगाज हुआ | जिसमें ध्रुव जुरल को बतौर विकेटकीपर शामिल किया गया है, यह खिलाङी के लिये एक सपने जैसा है कि ध्रुव को राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया और वह अपनी कला का पूरा प्रदर्शन करेंगे |
ध्रुव जुरल(Dhruv Jurel) का संघर्ष :
ध्रुव 21 जनवरी 2001 को उत्तर प्रदेश के आगरा में जन्मे और जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया।
ध्रुव के पिता, नेम सिंह जुरेल, आर्मी में हवलदार थे, और कारगिल युद्ध में साहस दिखा चुके है । ध्रुव ने अपने पिता नेम सिंह की तरह सैनिक बनना चाहा। ध्रुव बचपन से ही पिता को देखते हुए देश सेवा करने के लिए प्रेरित था |
8 साल की उम्र में 60 दिन के समर कैंप में खेल के तौर पर स्विमिंग का चुनाव किया लेकिन उन्हें क्या पता था की क्रिकेट ने उनको चुन लिया है| जब यह कैंप चल रहा था तो इन्होंने स्वयं को क्रिकेट के खेल में शामिल किया और इतना बखूबी खेला कि दोस्तों ने उनकी खूब सराहना की|
जब गली क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो वे क्रिकेट से प्यार करने लगे।जब वह 5 साल का था, तो वह खेल के उपरांत रास्ते मे गिर जाता है जिससे गाड़ी से दुर्घटना की वजह से उसका बायाँ पैर फ्रैक्चर हो गया और उन्हें बचपन में ही सर्जरी करानी पड़ी।
इनको क्रिकेट से प्रेम इतना गहरा हो गया कि यह उनके करियर की शुरुआत बन गया। हालांकि ध्रुव के पिता क्रिकेट के सपोर्ट में नहीं थे लेकिन इनकी मां ने बहुत सपोर्ट किया|लेकिन मां-बाप को अपने बेटे की जिद पूरी करनी ही होती है |
जब वे बचपन में क्रिकेट खेलते थे, उन्हें क्रिकेट में बहुत दिलचस्पी हुई | उनके पिता ने देश सेवा की थी, इसलिए पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी बड़ा होकर देश सेवा करे| लेकिन जब उनके बेटे ने क्रिकेटर बनने की चाहत रखी तो पिता ने नाराजगी जतायी लेकिन उन्होंने अपने बेटे को क्रिकेटर बनने की इच्छा पर देश सेवा का ही आग्रह किया और कहा कि यह भी देश सेवा ही है देश सेवा सिर्फ सेना में ही भर्ती होकर नही होती |
पिता से कीएक बैट(Bat) की मांग :
14 वर्ष की उम्र में अपने पिता से बैट की मांग की |उन्हें उनके पिता ने कश्मीर विला बैट लाकर दिया, लेकिन क्रिकेट सिर्फ बल्ले से नहीं खेला जाता, उसके लिए किटबैग (ग्लव्स, पेट्स, हेलमेट) की भी जरूरत होती है| पिता ने इसके बारे में पूछा तो किटबैग की कीमत 6000-8000 रुपये थी, वे स्वीकार नहीं करते हुए कहा कि आप पढ़ने में ध्यान दें।
ध्रुव को अब क्रिकेट में कैरियर बनाने का जुनून सा हो गया था, इसलिए वे घर से बाहर जाने के लिए कहने लगे, लेकिन उनकी मां ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया और अपने पुराने गहनें बेचकर बेटे की किटबैग खरीदी. ध्रुव को शायद उस समय उनकी मां की यह त्याग इतनी महसूस नहीं हुई होग |लेकिन बाद में उन्होंने महसूस किया कि उनकी मां ने अपनी गहनें बेचकर कितनी बड़ी त्याग किया, तब उन्होंने यह निर्णय कर लिया कि अब वह क्रिकेट में अपनी मां के लिए बहुत अच्छा करेंगे |
ध्रुव(Dhruv Jurel)कोक्रिकेटरबननेकामुख्यकारण :
उसके पिता आर्मी में हवलदार थे और ऑफिसर को सैल्यूट करते थे जो ध्रुव को बिल्कुल पसंद नहीं था इस वजह से उसने क्रिकेट को अपना करियर चुना |
मां ने अपनी गहनें बेचकर कितनी बड़ी त्याग किया, उन्होंने यह निर्णय कर लिया कि अब वह क्रिकेट में अपनी मां के लिए बहुत अच्छा करेंगे |
जबपितानेखुदध्रुवकीप्रशंसाकी :
ध्रुव को एक बार उनके पिता, नेम सिंह जुरेल, ने अखबार पढ़ते हुए बताया कि उनके नाम का एक खिलाड़ी ने शानदार खेल कर अपनी टीम को फाइनल में जीत दिलाई. पिता नहीं जानते थे कि उनका बेटा ध्रुव ही था जो एक अच्छी पारी खेलकर मैच को परिणाम तक पहुंचा. धीरे-धीरे ध्रुव जूनियर लेवल में क्रिकेट खेलने लगा और अच्छा प्रदर्शन करने लगा।
अब उनके पिता ने भी अपने बेटे की भावना का समर्थन करना शुरू कर दिया। लेकिन ध्रुव अभी भी अपनी मंजिल पाने में सक्षम नहीं था।
ध्रुवजुरल(Dhruv Jurel)केकोचनेदीसलाह :
क्रिकेट की बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण उनके पास आगरा में कोई विशिष्ट प्रशिक्षण सुविधा नहीं थी।ध्रुव को उनके टैलेंट को देखते हुए उनके कोच परविंदर यादव ने नोएडा के क्रिकेट अकादमी में ज्वाइन करने को कहा | अब उन्हें हर दिन आगरा से नोएडा जाना पड़ता था, जो उनकी दिनचर्या बन गई।
ध्रुव में एक एक अलग ही क्षमता और टैलेंट था लेकिन यह छोटे शहर में ही फस गयापरविंदर यादव ने उनसे कहा कि बल्लेबाजी के अलावा विकेट कीपिंग भी करनी चाहिए, जिससे आपको टीम में एक अलग स्थान मिल सकता है।
माता–पितानेभीकियासपोर्ट :
ध्रुव का इतना संघर्ष देखकर उनके माता-पिता ने फैसला किया कि वह नोएडा में अपनी मां के साथ रह जाएगा, और उसके पिता आगरा में रहकर जाॅब करेंगे |अब ध्रुव को भीड़ से अलग करना की कला था।
U-19 एशियाकपमेंसातवींजीतभीदिलायी :
जुनियर एवं घरेलू स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने 2019 अंडर 19 एशिया कप में कप्तान के रूप में चुना गया और वहाँ भी, भारतीय टीम ने अंडर 19 एशिया कप में सातवीं बार चैंपियन बनने का कारनामा किया है।
सातवीं बार भारत को विजेता बनाने वाले कप्तान ध्रुव जुरैल(Dhruv Jurel) हैं।
फाइनल में, आक्रामक बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध ध्रुव ने शानदार कप्तानी से बांग्लादेश के खिलाफ 106 रन के लक्ष्य का बचाव किया और 33 रन की पारी खेली। उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन कर एशिया कप में टीम को जीत दिलाई |
आगरा के लोग भी प्यार से ध्रुव को कैप्टन ध्रुव कहने लगे थे|
उनकी बल्लेबाजी ने लोगों को इतना प्रभावित किया कि 2021 में उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी भी खली हालांकि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनका बल्लेबाजी परफॉर्मेंस इतना अच्छा नहीं रहा लेकिन कहते हैं कि मेहनत पर भरोसा करो तो किस्मत साथ देती है। उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ |
आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान मैनेजमेंट की टीम ने 2022 में इनको 20 लाख के बेस प्राइस में खरीदा| लेकिन आईपीएल के पूरे सीजन में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल सकी और बेंच पर ही बैठना पड़ा
“जैसे बहते पानी को कोई रोक नहीं सकता उसी तरह टैलेंट कभी दब नहीं सकता”
जब ध्रुव जुरल(Dhruv Jurel) को आईपीएल फ्रेंचाइजी में राजस्थान की टीम में 5 अप्रैल 2023 को पंजाब के खिलाफ गुवाहाटी में पर्दापण होने का मौका मिला, उन्होंने इस अवसर को बखूबी निभाया| फ्रेंचाइजी टीम पंजाब के खिलाफ महज 15 गेंदों में 3 चौके और 2 छक्के की मदद से 32 रन बनाए, जिससे लोग और भी प्रभावित हुए |
नागालैंड में सर्वश्रेष्ठबनाया स्कोर :
दिसंबर 2022 में नागालैंड के खिलाफ नागालैंड के होम ग्राउंड में 249 रन बनाए, जो उनकी जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारी थी।
जबध्रुव ने जड़ा 21 गेंदों में तूफानी शतक :
2018 में गाजियाबाद और आगरा में ध्रुव जुरैल ने आतिशी शतक जड़ा था। ध्रुव ने दिल्ली के हिंदुस्तान कॉलेज में एक लोकल टी20 टूर्नामेंट में महज 21 गेंद पर तूफानी शतक बनाया।
उसने इस पारी में 12 छक्के और 4 चौके लगाए। ध्रुव की पारी ने आगरा की टीम को 20 ओवर में 227 रन दिलाए| गाजियाबाद की टीम महज 73 रन पर ढेर हो गई थी।
भारत-इंग्लैंड टेस्ट :
बता दें कि, भारत इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला है|
25 जनवरी – 29 जनवरी (हैदराबाद)
02 फरवरी – 06 फरवरी (विजाग)
15 फरवरी – 19 फरवरी (राजकोट)
23 फरवरी – 27 फरवरी (रांची)
07 मार्च – 11 मार्च (धर्मशाला)
इंग्लैंडकेखिलाफपहलेदोटेस्टमैचोंकेलिएस्क्वाड:
भारत :
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, यशस्वी जयसवाल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, जसप्रीत बुमराह (उपकप्तान), आवेश खान