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ToggleDehaat : बिहार के लड़के ने किसानो की मदद के लिए कंपनी बना डाली, अब करोड़ो की कमाई
कृषि भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। कृषि, जीडीपी का 17% हिस्सा है। लेकिन फिर भी किसानो की मदद नहीं हो पाती| बारिश के दौरान फसल खराब हो जाना, खेत में अच्छी पैदावार न होना और अन्य कई समस्याएं सामने आती हैं। फसल खराब होने पर मुआवजा न मिलना यहाँ तक कि हर क्षेत्र में बीमा है, लेकिन खेती और फसल के लिए कोई बीमा नहीं होता है।
यहाँ तक कि फसल अधिक होने पर कीमत गिरती है और कम होने पर कीमत बढ़ती है|

अधिक फसल होने पर कीमतें इतनी गिर जाती हैं कि किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पाते हैं। इन समस्याओं का दूसरा मुख्य कारण किसानो तक टेक्नोलॉजी का पहुंच नहीं है। Dehaat ने इसके लिए साहसिक कदम उठाया और समस्याओं का समाधान निकाला।
“Dehaat” किसानों को अधिक मदद करते हैं, जैसे कि खेत में किस समय कौन सी फसल लगानी है और कितनी मात्रा में।
खेती लागत को कम करने के लिए कम कीमतों पर बीज प्रदान करना |
बिहार के छपरा से शुरू हुआ "Dehaat":
शशांक कुमार ने किसानों की बढ़ती समस्याओं को बहुत करीब से देखा था और उनके लिए कुछ करने का जूनून था।
दिल्ली के इंटरनेशनल इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक होने के बावजूद, शशांक ने अपने गांव छपरा के लिए कुछ करने का ही विचार किया और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद “Dehaat” नामक एक नया उद्यम शुरू किया।
2010 में शशांक को “Dehaat” शुरू करने का विचार आया। उस समय स्टार्टअप काफी नवीन थे। इसी में शशांक ने अपने करियर पर भी विचार किया। 2011 में, अपने दोस्तों के साथ छपरा गांव में ही इसकी नींव रखी। जिसमे IIT खड़गपुर के पूर्व छात्र मनीष कुमार ने भी इस स्टार्टअप में साथ दिया।
इनके पास पर्याप्त ज्ञान नहीं था। लेकिन वे जानते थे कि यह क्षेत्र जीडीपी में 17% की हिस्सेदारी होने के बावजूद भी काफी कमजोर है, और इस कमी को दूर करने के लिए अहम् कदम उठा लिया |


"Dehaat" स्टार्टअप में है क्या :
Dehaat एक कृषि स्टार्टअप और डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यह छोटे किसानों और छोटे छोटे उद्यमों को जोड़ता है। ये छोटे उद्यम किसानों को विभिन्न कृषि इनपुट और उपकरण देते हैं, जैसे – बीज, फर्टिलाइजर, खाद, मशीनरी, टेक्नोलॉजी और फसल से जुड़े सलाह और सेवाएं सहित कई कृषि इनपुट और उपकरण प्रदान करते हैं।
Dehaat देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी सेवा दे रहा है, किसानों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पाद बेचने में मदद मिलती है और इससे किसानों को भी अपने प्रोडक्ट के अच्छे दाम मिल जाते हैं.
"Dehaat" के फाउंडर शशांक के बारें में :


DeHaat कंपनी का निर्माण बिहार के छोटे से गांव छपरा में शशांक कुमार ने किया था। शशांक के पिता बिहार नेशनल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में नौकरी करते थे, और माता शिक्षिका थीं। 2008 में, शशांक ने दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। शशांक ने आईआईटी-दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म “बीकन एडवाइजरी सर्विसेज” में करियर की शुरुआत की। किसानों के लिए कुछ करने के लिए जूनून इतना अधिक था कि नौकरी छोड़ दी।
किसानों को सहायता देने का तरीका:


“Dehaat” द्वारा किसानो को फसल बोने से पहले ही अधिक जानकारी दे दी जाती है। मिट्टी की जांच, फसलों की सलाह, मौसम का पूर्वानुमान और कर्ज सहित सभी सुविधाएं प्रदान करते हैं। किसानों को सेंटर्स के माध्यम से उवर्रक, बीज, खाद और कीटनाशक की दवाईयां उचित मूल्य पर बेचते हैं। किसान के मोबाइल फोन पर “Dehaat” ऐप पर आर्डर करते ही इनपुट को नजदीकी वेयरहाउस में पंहुचा दिया जाता है।
लगभग 65000 किसानो को इस ऐप से सर्विस मिल रही है और “Dehaat” ने भारत के 11 राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इनके सेंटर्स किसानो से 3-4 किमी के दायरे में हैं। कंपनी बीते 3 वर्षो में 50 गुना की वृद्धि कर चुकी है।
उन सेंटर्स पर काफी सलाह भी दी जाती है :
- कौन सी फसल उगाये
- फसलों को स्वस्थ कैसे बनाये
- फसलों को कहा बेचना है
- फसलों को कितनी मात्रा में कीटनाशक और उर्वरक देना चाहिए?
- फसल को लगातार उपजाऊ रखने के लिए क्या अतिरिक्त उपायकरना चाहिए?
- अधिक उत्पादकता के लिए क्या करना चाहिए?
"Dehaat" की वित्तीय जानकारी:


Shashank की कंपनी “Dehaat” ने 11 राज्यों तक पहुंच चुकी है। 10,000 से अधिक Dehaat फ्रेंचाइजी केंद्रों ने देश के 1 लाख गांवों में 15 लाख किसानों को सेवा दी है। Dehaat का ग्रॉस रेवेन्यू 2022–2023 में 54.2% बढ़कर 1,965 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2021-22 में यह 1,274 करोड़ रुपये था।
वर्ष 2023–2024 में 2,675 करोड़ रुपये का सकल राजस्व प्राप्त हुआ। घटाव 34% हुआ। मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में, “Dehaat” ने अपने सकल पैमाने में 36% की वृद्धि हासिल की और 2,600 करोड़ रुपये के राजस्व को पार कर लिया।