fursatonline.com

CIBIL स्कोर को ठीक करने के उपाय, जाने RBI द्वारा जारी किये गए नए नियम

CIBIL

वर्तमान में लोन लेने के लिए CIBIL (एक अच्छा क्रेडिट स्कोर) होना बहुत महत्वपूर्ण है। लोन प्राप्त करने में क्रेडिट स्कोर कम होने पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। CIBIL उधारकर्ता का क्रेडिट निर्धारित करता है। यदि क्रेडिट धन की EMI को समय पर जमा कर दिया जाता है, तो क्रेडिट अधिकारियों के पास आपका एक अच्छा छवि बनी होती है। इसलिए आपको दोबारा से अच्छे ब्याज दर पर लोन मिलता है।
आज इस लेख में क्रेडिट से जुड़े सारे कारणों और जानकारी को आपके साथ साझा किया जायेगा।

CIBIL को समझते है :

भारतीय कंपनी CIBIL (Credit Information Bureau (India) Limited) व्यक्तिगत क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट को तैयार करती है। आपकी क्रेडिट योग्यता का विश्लेषण यह स्कोर करता है। CIBIL ही बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी देता है। CIBIL स्कोर 300-900 के बीच रहता है। जिसमें स्कोर को 4 तरह से मापा जाता है।

  • कम अच्छा
  • अच्छा 
  • बहुत अच्छा
  • उत्तम

स्कोर 900 के जितने पास होता है, लोन की प्रक्रिया उतनी ही जल्दी और ब्याज़ दर भी कम रहती है |

अच्छा उधारकर्ता के लिए CIBIL स्कोर 750 से अधिक होना बहुत जरूरी होता है। ऋण और क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में अधिक सम्भावना रहती है। अगर स्कोर 600 कम होता है तो ऋण प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जैसे ब्याज़ दर अधिक बढ़ जाती है।

CIBIL स्कोर और रिपोर्ट में अंतर :

CIBIL स्कोर:

यह 300-900 के बीच का अंक है। यदि स्कोर 300 से कम है तो उधारकर्ता ने ऋण को समय पर नहीं चुकाया, और 600 तक का स्कोर दर्शाता है कि उधारकर्ता ने ऋण को समय पर नहीं चुकाया| बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को जितना भी ऋण धन वापस मिल सकता था। उसके साथ समझौता किया।
750 से अधिक का स्कोर बताता है कि उधारकर्ता समय पर ऋण का भुगतान करता है और समय से पहले पूरा भुगतान करता है।

CIBIL रिपोर्ट :

रिपोर्ट के माध्यम से कंपनी उधारकर्ता द्वारा लिए गए ऋण को किस तरह से भुगतान किया इसका ब्यौरा रखती है। यह एक विस्तृत दस्तावेज होता है, जिसको देखकर उधारकर्ता के सारा इतिहास समझ में आ जाता है। ऋण और क्रेडिट कार्ड विवरण, भुगतान रिकॉर्ड और अन्य जानकारी साझा की जाती है। रिपोर्ट बताती है कि उधारकर्ता को ऋण देना चाहिए या नहीं और किस ब्याज़ दर पर देना चाहिए।

CIBIL स्कोर ख़राब कैसे हो जाता है ? :

ऋणकर्ता द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने पर CIBIL स्कोर प्रभावित होता है। साथ में भुगतान और पेनल्टी भी देना पड़ता है।
भुगतान बिलकुल न करने पर सिबिल पूरा खराब कर दिया जाता है, जिससे बैंक अगली बार ऋण देने के लिए आवेदन को आगे नहीं बढ़ने देता है |
ऋण के भुगतान की EMI में चूक करने से सिबिल ख़राब हो सकता है।

CIBIL स्कोर सुधारने के उपाय :

उधारकर्ता भी अपनी वित्तीय बुद्धिमत्ता से क्रेडिट स्कोर को सुधार सकता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में अधिक समय लगता है, लेकिन यह संभव है।

  • क्रेडिट कार्ड के बिल समय पर चुकाए
  • क्रेडिट का समझदारी से उपयोग करें
  • ऋण की EMI को चूकने न दें।
  • उपभोक्ता लोन की शुरुआत की 3 EMI समय पर भरें, फिर बचे हुए ऋण का एक साथ भुगतान करें।
  • क्रेडिट का अधिकतम इस्तेमाल करें, लेकिन समय पर करें। जिससे क्रेडिट स्कोर में सुधार जाएगा।

RBI के नए नियम :

25 जुलाई से आरबीआई द्वारा जारी नए नियमों को लागू किया जा रहा है। RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया) के नए नियमों के अनुसार, 

  • CIBIL स्कोर अब 15 दिन में ही ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा। फाइनेंसियल पोर्टफोलियो को सिबिल स्कोर को समय-समय पर अपडेट करने का आदेश दिया गया है। जिससे उधारकर्ता को ऋण लेते समय कोई परेशानी नहीं होगी।
  • जब कोई बैंक या NBFC किसी ग्राहक का क्रेडिट स्कोर चेक करता है, तो जानकारी ग्राहक को प्राप्त होनी चाहिए। यह जानकारी SMS या Email के माध्यम से भेज सकते है।
इसे भी पढ़े :

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top