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एक नई AI टेक्नोलॉजी Brain-Computer Interface (BCI)

जिससे प्राइवेसी पर खतरा होना शुरू हो सकता है? कैसे, तो सोचिए यदि आप किसी भी बात, व्यक्ति, पासवर्ड या अपने किसी भी कीमती और पर्सनल चीज के बारे में सोच रहे हों और मशीन पहले ही जान जाए कि आप क्या सोच रहे हैं। तो आपके पैरो तले जमीं खिसक जाएगी ,

अब यह कोई फिल्मी बात नहीं रही — हम आपको बताने जा रहे है एक नई टेक्नोलॉजी के बारे में जिसका नाम है Neurotechnology और Brain-Computer Interface (BCI) इनके ज़रिए अब इंसानी दिमाग को पढ़ना संभव होता जा रहा है।

क्या है दिमाग पढ़ने वाली टेक्नोलॉजी?

यह टेक्नोलॉजी electrical signals या brainwaves को स्कैन करके आपके सोचने की प्रक्रिया को समझती है। और मशीन उसको डिकोड करके प्रदर्शित करती है की आप क्या सोच रहे है इसको ही वैज्ञानिक कहते हैं – Brain-Computer Interface (BCI)

उदाहरण:

Elon Musk की कंपनी Neuralink ऐसे चिप्स पर काम कर रही है जो आपके ब्रेन में लगाकर मशीन को आपकी सोच से जोड़ देगी, और आप क्या सोच रहे है बता देगी

Brain-Computer Interface (BCI) ,क्या इसका असर आपकी प्राइवेसी पर होगा?

इसका सीधा सा जवाब है    हाँ

अगर मशीन (Brain-Computer Interface (BCI)) टेक्नोलॉजी आपकी सोच तक पहुंच सकती है, तो आने वाले समय में गोपनीयता (privacy) का मतलब ही बदल जाएगा।

कुय्की फिर आपकी प्राइवेसी का इस्तेमाल बड़े-बड़े बिजनेसमैन अपने फायदे के लिए आपकी सोच का इस्तेमाल करके उसी के अनुसार आपको चीजे दिखायेगा

जैसे यूट्यूब और इंस्टाग्राम का अल्गोरिथम आपके माइंड के अनुसार ही आपको रील्स और ads दिखाता है
तभी तो इस टेक्नोलॉजी पर कई सवाल उठ खड़े हो रहे है जैसे की

(1) क्या कंपनियाँ आपके सोच को स्कैन करके ads दिखाएँगी?

(2) क्या सरकारें लोगों की सोच पर निगरानी रखेंगी?

Brain-Computer Interface (BCI) टेक्नोलॉजी का भविष्य में क्या हो सकता है?

हर पहलु के दो परिणाम संभव होते है एक नेगेटिव और एक पॉजिटिव हम आपको Brain-Computer Interface (BCI) टेक्नोलॉजी के दोनों पहलु को बताएँगे

पॉजिटिव साइड:

(1) इस टेक्नोलॉजी की सहायता से लकवे के मरीज बिना कुछ बोले कंप्यूटर चला सकेंगे. कुय्की मशीन आपके माइंड को रीड करेगी और फिर उसी के अनुसार वर्क करेगी।

(2) आने वाले समय में AI और इंसान सीधे बातचीत कर पाएँगे.और इस टेक्नोलॉजी से AI और इंसानो में सामंजस्य बैठाना और आसान हो जायेगा।

नेगेटिव साइड:

(1) इस टेक्नोलॉजी से सोच पर नियंत्रण किया जा सकता है

(2) इंसानो के माइंड हैकिंग का डर सदैव लगा रहेगा

Brain-Computer Interface (BCI) टेक्नोलॉजी से सावधानी कैसे बरतनी चाहिए ?

(1) इस टेक्नोलॉजी के हर पहलु को अच्छे से समझना.

(2) समय समय पर प्राइवेसी कानूनों पर नज़र रखना और खुद को अपडेट रखना.

(3) टेक कंपनियों से जवाबदेही माँगना, ताकि अपनी मनमानी न कर सके.

 निष्कर्ष:

आने वाले समय में भविष्य की तकनीकें और भी रोमांचक हो जाएँगी जब नयी-नयी टेक्नोलॉजी आएंगी ऐसी ही ये एक नई टेक्नोलॉजी Brain-Computer Interface (BCI) हैं,

लेकिन हर नई टेक्नोलॉजी सुविधा के साथ खतरे भी साथ में लती है। परन्तु हमें तैयार रहना होगा — ताकि कोई भी टेक्नोलॉजी हमारे निजी जीवन और प्राइवेसी में कोई भी हस्तछेप न कर सके !

आशा करते है की दिमाग को पढ़ने वाली ये टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को बेहतर बनाए, न कि डरावना।

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