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TogglePULSE Candy : 1 ₹ की टॉफी ने 6000 करोड़ के कैंडी उद्योग को हिला डाला, जब 8 महीने में 100 करोड़ की हुई बिक्री
DS ग्रुप ने 2015 में Pulse Candy की शुरुआत की। Candy ने रातो रात अपना नाम कैंडी उद्योग में शुमार कर लिया था। अपने विशिष्ट स्वाद के लिए कैंडी जानी जाती है। यह आम की तरह मीठी होती है, लेकिन इसके तीखे और नमकीन स्वाद हैरान कर देने वाले है |

2015 में Pulse Choice 1 रुपये की कीमत पर था, जब हर कैंडी 0.50 रुपये में मिलती थी। Pulse Candy का वजन 4 ग्राम था, जबकि दूसरी कैंडी का वजन 2-2.5 ग्राम था। कंपनी ने जल्दी ही अच्छी पकड़ बना ली और 8 महीने में 100 करोड़ की बिक्री की। कैंडी ने अपने आप को बिना किसी प्रचार के इस मुकाम तक पहुंचाया है।
DS ग्रुप द्वारा PULSE Candy का हुआ निर्माण :
PULSE Candy को 2015 में DS Group द्वारा बाजार में उतारा | DS Group, 1929 में शुरू हुई और मसालों और माउथ फ्रेशनर जैसे कई लोकप्रिय उत्पाद बनाने वाली एक बड़ी कंपनी है |
DS Group ने कैंडी को पांच स्वादों में पेश किया: लीची, अनानास, संतरा, अमरूद और आम। लॉन्च करने से पहले, कंपनी ने 2 साल तक कैंडी के स्वाद को बेहतर बनाने की कोशिश की।
DS Group के पास ऐसे उत्पाद बनाने का एक लंबा इतिहास है जिन्हें लोग पसंद करते हैं, और Pulse Candy इसका एक उदाहरण भी है। वे उच्च गुणवत्ता वाली चीज़ें बनाने पर ध्यान अधिक केंद्रित करते हैं।
बता दे कि, DS Group ही पास-पास, बाबा इलायची और रजनीगंधा जैसे प्रोडक्ट बनाती है।
Pulse Candy का आईडिया :



DS Group ने बाजार को काफी बारीकी से समझा। इनके अनुसार, हार्ड बॉयल्ड कैंडी, जिसका बाजार लगभग 2100 करोड़ रुपये है, में पल्स आता था।
जिसमें केवल मेंगो फ्लेवर कैंडी का 50 प्रतिशत हिस्सा है, ये साल दर साल 23 प्रतिशत से आगे बढ़ रहा है। लेकिन कम्पनी को एक बात समझ में आ गई थी, ऑरेंज या किसी भी अन्य फ्लेवर की कैंडी सीधे-सीधे बिक्री पर हैं। हमें कुछ नया करना होगा अगर हमें अपना उत्पाद बाजार में बेचना है।
जब Pulse Candy ने खोले 8.5 लाख स्टोर्स :
2015 में जब कम्पनी ने प्रतिस्पर्धा के लिए बाजार में प्रवेश किया, तो उसने बाजार में बारीकी से स्थिति को समझा था।
2 वर्ष पहले से अपने उत्पाद को बेहतर स्वाद के लिए परीक्षण किया और आखिरकार सफल रहा।
उस समय,सारी कंपनी 50 पैसे की एक कैंडी बेच रही थी, Pulse कंपनी का निर्णय बहुत खतरनाक हो सकता था। जब वे 1 रुपये की कैंडी को बाजार में उतारने का फैसला किया।
लोगो को इसका स्वाद इतना अच्छा लगा कि अगले आठ महीने में कंपनी ने 100 करोड़ की बिक्री की और अगले एक वर्ष में 8.5 लाख स्टोर्स भी खोली।
कम्पनी ने अगले 2 वर्षों में 300 करोड़ की बिक्री करके कैंडी उद्योग में भूचाल सा ला दिया और प्रतिस्पर्धा बाजार में नई पहचान बनाई।
8 महीनों में 100 करोड़ की बिक्री का रहस्य :


Pulse Candy ने स्वाद के साथ बाजार में जल्दी पहचान बनाने के लिए कुछ योजनाएं बनाईं। BTL, डिजिटल और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग का सहारा लिया गया था।
BTL मार्केटिंग, अर्थात् “बिलो द लाइन” मार्केटिंग, जिसमें कूपन, प्रमोशन और डायरेक्ट मेल जैसी गतिविधियां को शामिल किया जाता है।
डिजिटल मार्केटिंग में ईमेल मार्केटिंग, सोशल मीडिया और ऑनलाइन विज्ञापन शामिल हैं। इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में उत्पादों का प्रचार सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध लोगों से किया जाता है।
इन सब के माध्यम से, कंपनी ने 8 महीने में 100 करोड़ रुपये की बिक्री की।
Pulse Candy की टैंगी फ्लेवर और खट्टी-मीठी चाशनी ने ग्राहकों को बहुत आकर्षित किया।
DS ग्रुप के कुछ अन्य महत्वपूर्ण ब्रांडों में कैच, पास पास, FRU, रजनीगंधा, बाबा, तुलसी, ल ओपेरा, ले मार्चे, बर्थराइट शामिल हैं।
Pulse Candy ने शीर्ष पर रहने का ताज पहना:
Pulse Candy ने लगातार तीन साल तक सर्वश्रेष्ठ कैंडी का खिताब जीता है। Pulse ने कम समय में नंबर वन कैंडी का ताज अपने हाथ में ले लिया, जबकि अन्य कंपनियां जैसे पारले, ITC और Perfetti को भारतीय बाजार में वर्षों का समय लग गया था।
इटली की कंपनी अल्पेन्लिबे ने भी भारतीय बाजार को बहुत पसंद किया था, लेकिन पल्स कुछ ही समय में भारतीयों को अपना दीवाना बना दिया। लोगो को आम का कुछ चटपटा स्वाद बहुत अच्छा लगा।
इस कैंडी को भोजन के बाद खाने मे लोगों को अक्सर पसंद आने लगा। छोटे से लेकर बड़े-बूढ़े भी इस कैंडी को अधिक पसंद करने लगे, जिससे इस कंपनी ने इतने कम समय में अस्तित्व हासिल कर लिया।
साथ ही अधिक बिक्री करके व्यवसाय को लंबे समय तक संभाला।