fursatonline.com

आखिरकार मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संसोधन अधिनियम ( CAA ) 2019 को चार साल बाद 11 मार्च 2024 से पूरी तरह से लागू कर दिया है, गृह मंत्रालय द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा की जा चुकी है, इससे देश भर में कई बदलाव की सम्भावना रहेंगी | 

CAA

CAA एक कानून है जो बांग्लादेश और पाकिस्तान से आये पीढ़ित शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया है|

फरवरी में गृह मंत्री अमित शाह ने एक भाषण में कहा :

“CAA कांग्रेस सरकार का वादा था जब देश का विभाजन हुआ और उन देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ तो कांग्रेस ने शरणार्थियों को आश्वासन दिया था कि भारत में उनका स्वागत है और उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जायेगी। अब वे पीछे हट रहे हैं इसको पूर्ण रूप से भाजपा द्वारा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा…ये देश का कानून है, इसे कोई नहीं रोक सकता, ये पत्थर की लकीर है, ये हकीकत है,”

CAA के अनुसार जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बसे नागरिकता का अधिकार उन्हें ही मिलेगा । इसके तहत वैध यात्रा दस्तावेजों जैसे पासपोर्ट या वीजा, के बिना भारत में आने वालो को अवैध प्रवासी माना जायेगा |

दिसंबर 2019 में CAA को संसद में पारित कर राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गई, लेकिन इसके खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए।

तब से यह कानून लंबित चल रहा था लेकिन इसे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लागू कर, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश से आये शरणार्थियो को नागरिकता से वंचित न कर उन्हें पूरे अधिकार देने का वादा पूरा किया गया |

बता दे की भाजपा सरकार ने अपना कार्यकाल पूरे होने से पहले ही इसे लागू कर दिया है |  

CAA का पूर्ण विवरण :

 

CAA 2019 एक अधिनियम है जो 1955 के नागरिकता अधिनियम को संशोधित कर जारी किया गया था और 11 दिसंबर 2019 को संसद में पारित किया गया था, लेकिनविरोध प्रदर्शन के तहत इसे स्थगित  किया गया |

दिसंबर 2014 से पहले, धार्मिक उत्पीड़न के कारण पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भागने वाले हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता का अधिकार मिल सके |

CAA 2019 संशोधन के तहत 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश करने वाले प्रवासियों ( अपने मूल देश के धार्मिक उत्पीड़न के डर का सामना करने वाले ) को नागरिकता का अधिकार प्राप्त करने में पूरा सहयोग है।

CAA के अंतर्गत उन विदेशियों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में बिना पासपोर्ट और वीजा के घुस आये थे |

इस प्रकार के प्रवासियों को भी नागरिकता अधिकार प्रदान किया जाएगा |

संशोधन के अंतर्गत प्रवासियों की निवास की आवश्यकता को 11 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है 

इस अधिनियम में मुसलमानो को अभी शामिल नहीं किया गया है |

गृह मंत्रालय द्वारा जारी कर नागरिकता देने का अधिकार भी केंद्र सरकार का ही होगा | 

 

 

 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top