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Togglephysicsbypankajsir अमरूद के पेड़ के नीचे पढ़ाना शुरू करके आज बना दिया है खुद का यूट्यूब चैनल जिनमे है लाखों सब्सक्राइबर्स.
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के बहुत ही छोटे से गांव में रहने वाले पंकज सर जिनका जन्म 10 नवंबर 1970 को हुआ था जिनका पूरा नाम पंकज श्रीवास्तव है उनके पिताजी सरकारी सेवा में कार्यरत थे
पिताजी के सरकारी कर्मचारी होने के कारण इनकी पोस्टिंग श्रावस्ती जिले के नजदीक पढ़ने वाला जिला गोंडा जहा पर एक किराये के कमरे में इनको पूरी फैमिली के साथ शिफ्ट होना पड़ा , एवं वहां पर शिक्षा की उतनी अच्छी व्यवस्था नहीं थी |
उस समय वहां का रहन-सहन भी ठीक नहीं था जिसके कारण इनकी माता जी इनको घर से बाहर नहीं निकलने देती थी इसलिए इनके उस समय गिने चुने कुछ ही मित्र हुआ करते थे .
इनके पिता की सरकारी सेवा की सैलरी मात्र 70₹ प्रति महीने थी ! और इस 70₹ में घर का खर्चा, पढ़ाई का , खाने पीने और किराये के घर का किराया आदि में ही चला जाता था|
लेकिन पंकज सर के मन में जिज्ञासा को चोरी थी और वह कुछ और ही करना चाहते थे उनका सपना था कि वह बड़े होकर शिक्षित बनेंगे और कुछ बहुत पैसा कमा कर अपनी लाइफ स्टाइल अच्छी करेंगे जैसा कि हम सभी मिडिल क्लास लोगों का एक सपना होता है
जिसके कारण इन्होंने पढ़ाई में पूरी तरह मन लगाया और जी- तोड़ मेहनत की . एवं यह क्लास में सदैव रैंक लाने लगे थे!
9th क्लास: जब पंकज सर कक्षा 9 की क्लास में पढ़ते थे तो उनके अध्यापक ने उनको एक दिन अपने घर पर बुलाया क्योंकि उन दिनों एनुअल एग्जाम हो गए थे तो
पंकज सर के मन में जिज्ञासा उठी कि सर ने मुझे अपने घर क्यों बुलाया है . एवं यह बात पंकज सर ने अपने सर से पूछा तो उनके सर ने बोला कि आप घर आइये फिर बताते हैं .
अगले दिन जब पंकज सर अपने सर के घर पहुंचे तो सर ने बताया कि आज हम यहां क्लास 9th की जो परीक्षा हुई थी उनकी कॉपियां चेक करेंगे , लेकिन उसमें से एक कॉपी उन सर के बच्चे की भी थी जिसको निकालकर सर ने अलग कर दिया था और कहा था कि यह कॉपी में चेक करूंगा बाकी सारी कॉपी हम दोनों मिलकर चेक करेंगे.
इत्तेफाक से उन सर के बच्चे की कॉपी पंकज सर के हाथों में लग गई जिसको पंकज सर ने चेक कर दिया और उस लड़के की कॉपी में कई गलतियां पकड़ी.
पंकज सर ने उस लड़के की कॉपी में कई गलती के नंबर काटे और पूरी कॉपी चेक की लेकिन बाद में सर को पता चला की उनके सर ने अपने बच्चे की कॉपी में जहां पर करेक्शन किया था|
वहां पर भी उनके सर ने नंबर देकर अपने बच्चों को पूरी क्लास में साइंस में टॉप कर दिया . लेकिन जब पंकज सर ने उस बच्चे की कॉपी देखी तो उनको यह एहसास हुआ की शिक्षा में भी परिवारवाद होता है!
12th क्लास : जब सर कक्षा 12 के एग्जाम दे रहे थे तो उन्होंने देखा कि उनकी पेपर में दो क्वेश्चन ऐसे थे जो किताब में ही नहीं थे तो पंकज सर को यह लगा की यह तो क्वेश्चन सिलेबस से बाहर आया है जबकि परीक्षा में तो कोई भी क्वेश्चन सिलेबस से बाहर नहीं आ सकता है
जब वह पेपर देकर बाहर निकले तो उनको पता चला की यह दो क्वेश्चन नई बुक के थे और जो उनके पास बुक थी वह पुरानी थी जबकि सिलेबस 2 साल पहले चेंज हो गया था|
सिलेबस चेंज होने के कारण और उनके पास पुरानी बुक होने के कारण वह दो क्वेश्चन छूट गए तब सर को एहसास हुआ की अगर उनके पास वह नई किताब होती तो उनके एक भी क्वेश्चन नहीं छूटते और वह सारे क्वेश्चन करके आते .
इसके बाद पंकज सर ने अपने पास के ही शहर में स्थित एक डिग्री कॉलेज में एडमिशन लिया जहां से उन्होंने अपने स्नातक की डिग्री हासिल की.
पंकज सर कैसे बने ( physicsbypankajsir):
साल 1990 की बात है वह अपने घर में सबसे बड़े होने का कारण, घर की सारी जिम्मेदारियां का जिम्मा पंकज सर पर ही था जिसके लिए सर ने अपने शहर में ही ट्यूशन पढ़ाने का निर्णय लिया|
अतः इन्होंने इसके लिए अपने दोस्त से कहा कि अगर कोई भी बच्चा 11th , 12th में फिजिक्स और मैथ पढ़ना चाहता है तो वह पढ़ा सकते हैं!
उनके दोस्त ने उनको दूर शहर में स्थित एक कोचिंग क्लास ज्वाइन करने के लिए कहा जहां पर एक से एक सीनियरअध्यापक जो एमएससी करके आए हुए थे |
वहां पढ़ाते थे फिर जब पंकज सर उस कोचिंग क्लास के अंदर गए तब वहां उनका इंटरव्यू हुआ और सर ने सभी का जवाब दिया !
पंकज सर ने छोड़ी पहली अपनी पहेली कोचिंग क्लास:
उन्होंने सर को अगले दिन कोचिंग क्लास ज्वाइन करने के लिए कहा एवं पंकज सर ने पढ़ाना शुरू किया और उनकी क्लास में मात्र पांच बच्चे थे. कोचिंग क्लास ज्वाइन के कुछ समय बाद सर ने देखा कि एक अध्यापक जिन्होंने एमएससी किया हुआ है|
वह यह बता रहे थे कि क्वांटम सिद्धांत तीन प्रकार के होते हैं जबकि पंकज सर को पता था कि क्वांटम सिद्धांत चार प्रकार के ही होते हैं
अतः पंकज कर के दिमाग में काफी देर तक उथल-पुथल होता रहा कि या तो मैं गलत हूं या तो वह सर जो हमसे भी ज्यादा पढ़े हुए हैं ,
लेकिन सर को डाउट हुआ है कि उन्होंने तो एमएससी किया है जबकि मैंने तो बीएससी किया है तो वह गलत कैसे हो सकते हैं लेकिन सर को अपने ऊपर पूरा कॉन्फिडेंस था.
उनको पता था कि वह जो कह रहे हैं कि क्वांटम सिद्धांत चार प्रकार के ही होते हैं वह सही है और बाद में उनको यह एहसास हुआ कि वहां गलत पढ़ाया जा रहा था|
सिर्फ इसी वजह से सर ने अगले दिन क्लास आना ही छोड़ दिया और उनको ऐसा एहसास हुआ कि ना जाने कितनी कोचिंग क्लासेस में गलत पढ़ाया जा रहा है!
जब पंकज सर के वीडियो पर खान सर ने भेजी स्ट्राइक:
एक समय पटना के मशहूर फिजिक्स के टीचर जिन्होंने अपनी क्लास में पढ़ाया था और पंकज सर ने उसको गलत प्रूफ कर दिया |
जिसके कारण पंकज सर को बहुत से लोग कहने लगे की पटना के मशहूर फिजिक्स के टीचर जिनके करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं वह गलत हो ही नहीं सकते हैं!
पंकज सर के अंदर एक अलग ही जिज्ञासा थी कि नहीं मैं उस चीज को प्रूफ करके दिखाऊंगा तो इसके लिए उन्होंने उसको प्रैक्टिकल करने का डिसीजन लिया और प्रूफ करके दिखा दिया कि वह सही थे|
बाद में पटना के मशहूर टीचर खान सर ने पंकज सर के वीडियो (physicsbypankajsir) में लगातार 2 वीडियो में स्ट्राइक भेजी .
और ऐसे शुरुआत हुई physicsbypankajsir की जर्नी :
साल 1990 में पंकज सर ने अपने कोचिंग की शुरुआत घर के बाहर लगे अमरूद के पेड़ के नीचे से की. शुरुआती दौर पर उनके पास बहुत ही काम छात्र हुआ करते थे |
लेकिन जब इन्होंने उन बच्चों को पढ़ना शुरू किया तो धीरे-धीरे बच्चे बढ़ना चालू हो गए तथा वह अमरूद के पेड़ के नीचे ही छात्रों को कोचिंग क्लास देने लगे |
जहां पर वह रोज सुबह 4 बजे उठकर रोज झाड़ू लगाते थे और अमरूद के पेड़ के पत्ते झाड़कर उसमें आग लगाया करते थे ताकि मच्छर इधर-उधर ना बैठे , तथा साफ सफाई करके मेज टेबल लगाया करते थे और अकेले ही सारी कोचिंग में व्यवस्था करते थे लेकिन..
अब उनके सामने एक नई समस्या थी कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों के नजर में कैसे आया जाए ! इन्होंने खुद ही अपनी कोचिंग का प्रचार करने का निर्णय लिया |
अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर स्कूल के बाहर और हर जगह पर्चा चिपकाने का काम शुरू किया और दीवारों पर यह लिखते थे फिजिक्स by पंकज सर (physicsbypankajsir) ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इनके बारे में जाने.
उनकी इस लगन ने बच्चों की संख्या बढ़ा दी तथा जो एक बार बच्चे आए वह फिर दोबारा उनकी कोचिंग से गए ही नहीं.
लेकिन अमरूद के पेड़ के नीचे पढ़ाने से बहुत सारी समस्याएं आने लगी जैसे की बरसात , हवा और लाइट की समस्या आदि.
कुछ समय बाद उनके पिताजी ने पास में ही एक घर बनवाना शुरू किया जिसमें दो कमरे और एक बरामदा था दोनों कमरे किराए पर उठा दिए थे तथा बरामदे में ही इन्होंने पढ़ाने का डिसीजन लिया और अपनी कोचिंग की शुरुआत कर दी!
जब सर को एहसास हुआ कि उनके साथ-साथ और भी कई बच्चे हैं जो अपनी मेहनत और लगन में लगे रहते हैं वह भी बिना किसी शिकायत के:
एक समय की बात है एक बच्चा उनकी कोचिंग में सुबह 4:00 बजे से ही पहुंच गया था बाद में जब पंकज सर ने उनसे पूछा कि इतनी जल्दी क्यों आ गए तो उस बच्चे ने कहा कि सर उसके पास घडी नहीं है,
तो सर को यह देख कर बहुत अचंभा हुआ क्योंकि उसके पिताजी बहुत ही गरीब थे एवं यहां तक वह बच्चा अपने कपड़ों के अंदर पेपर लगा कर आता था ताकि सर्दी ना लगे. सर ने यह देखा तो
उनको एहसास हुआ कि बच्चे मेहनती और परिश्रमी भी होते हैं जो बिना किसी शिकायत और अभाव के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं तथा सर ने फिर उस बच्चे को घड़ी और स्वेटर लाकर दिया.
पंकज सर से पढ़े हुए ऐसे विद्यार्थी आज बड़ी-बड़ी पोस्ट पर है
physicsbypankajsir ने जब शुरू किया ठेकेदारी का काम:
1995 में पंकज सर ने ठेकेदारी का काम किया और इस काम से उनको एहसास हुआ कि वह कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों पर बहुत ही कम ध्यान दे पा रहे है . जिससे उनसे पढ़ने वाले छात्रों का बहुत ही नुकसान हो रहा था क्योंकि ठेकेदारी में अधिक समय जा रहा था
तथा सर ने बाद में उस ठेकेदारी का काम सन 2000 में छोड़ दिया और पूरी तरह कोचिंग में ध्यान देने लगे जबकि पंकज सर को कोचिंग की फीस से 5 से 10 गुना ज्यादा कमाई ठेकेदारी से होती थी इसके बावजूद सर ने कोचिंग ही पढ़ने का निर्णय लिया .
साल 1997 में पंकज सर की शादी हुई अब इनके पास और भी जिम्मेदारी आ गई ! इन्होंने फिर लगातार अपने बैच बढ़ाना शुरू किया |
फिर उन्होंने कोचिंग की लगातार क्लासेस शुरू करते रहे तथा एक अच्छी खासी कमाई कर ली और एक समय इन्होंने पास तीन गाड़ियां तक खरीद ली थी क्योंकि…
सर को एहसास था की बच्चों के पास कभी भी कोई कमी नहीं होनी चाहिए और पढ़ाई का अभाव तो बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए पंकज सर अपने बच्चों के लिए सहारा फंड में पैसे जमा करते थे|
एक समय ऐसा आया जब सारा पढ़ने के लिए जमा पैसा फ्रॉड कर दिया और इनका सारा पैसा डूब गया तथा इनको फिर अपनी खरीदी तीन गाड़ियां तक बेचनी पड़ी. क्योंकि
सर का मानना है बच्चों के भविष्य से बढ़कर कुछ नहीं है और हर माता-पिता को अपने बच्चों को पढ़ाना चाहिए चाहे वह आधी रोटी ही खाकर पढ़ाये.
और ऐसे शुरुआत हुई सर की ऑनलाइन क्लासेस (physicsbypankajsir):
साल 2020 जब आया कोरोना, इस कोरोना के कारण उस समय सभी स्कूल और कॉलेज बंद हो गए थे जिसके कारण कोई भी कोचिंग नहीं खुल रही थी
जिससे उनके पास आप घर के खर्चे की समस्या बढ़ गई तथा इनके कुछ बच्चों ने सजेस्ट किया कि सर आप ऑनलाइन पढ़ाना शुरू कर दीजिए.
इन्होंने शुरुआत में zoom और google meet में क्लासेस लेना शुरू किया!
लेकिन अब उनके सामने एक और समस्या खड़ी थी वही थी इंटरनेट की कमी. क्योंकि यह एक ऐसी जगह रहते थे जहां पर इंटरनेट की बहुत ही समस्या आती थी .
एक समय अपने संस्थान में इंटरनेट लगवाने के लिए करीब 400 मीटर दूर से तार खिंचवाना पड़ा तब जाकर उनके पास इंटरनेट आया और इन्होंने जूम और गूगल मीट में क्लास लेना शुरू किया,
शुरुआती दौर पर उनके पास तो ट्राइपॉड भी नहीं होते थे. तो इन्होंने स्टार्ट में बुक्स के ऊपर फोन रखकर पढ़ाना शुरू किया तथा हम सभी ने देखा है कि शुरुआती तौर पर उनके वीडियो बहुत ही लो क्वालिटी के होते थे!
फिर समय के साथ इनका नई-नई चीजों के बारे में पता चला तथा इन्होंने ट्राइपॉड भी मंगवा और अपनी वीडियो क्वालिटी भी बढ़वाई .जैसे-जैसे लोगों ने इनको सुझाव दिया जो अच्छे सुझाव थे उन्होंने इनको ऑब्सेर्वे किया और इसके बाद इन्होंने अपने चैनल में अच्छी क्वालिटी के वीडियो बनाना शुरू कर दिया!
फिजिक्स बाय पंकज सर(physicsbypankajsir) इन्होंने अपने चैनल की शुरुआत physicsbypankajsir से शुरू की |
आज उनके चैनल पर लगभग 13 लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर और 500 से भी ज्यादा लर्निंग वीडियो पड़े हैं पंकज सर ने लाइव क्लासेज के लिए एक नए चैनल पंकज सर लेक्चरर्स की शुरुआत की है !
(physicsbypankajsir) पंकज सर का गुरु मंत्र:
पंकज सर का मानना है कि किसी भी चीज को रट कर नहीं उसको प्रेक्टिकल करके सीखो क्योंकि
अगर आप एक बार प्रैक्टिकल कर लेते हैं तो आप उसको जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे और वह जिंदगी भर आपको याद ही रहेगा!
क्योंकि अधिकतर लोग रटवाते ही हैं , जबकि पंकज सर अधिकतर चीजों को प्रेक्टिकल करके दिखाते हैं |
वह अपने यूट्यूब चैनल में बहुत से ऐसे shorts वीडियो बनाएं जिसमें उन्होंने हर चीज को प्रेक्टिकल करके सिखाया है.
पंकज सर आज भी ऑफलाइन क्लासेस मात्र ₹500 प्रति महीने के पढ़ते हैं क्योंकि सर अपनी इस मेहनत को एक sociel service के तौर पर लेते हैं जबकि पंकज सर को बड़ी-बड़ी कोचिंग क्लासेस से ऑफर आते है
जिसमें से लाखों रूपों की सैलरी होती है लेकिन सर ने उसे ऑफर को ठुकरा कर अपनी कोचिंग में पढ़ाना जारी रखा तथा आज भी यूट्यूब चैनल physicsbypankajsir पर फ्री में ही पढ़ते हैं यहां तक notes भी फ्री में ही प्रोवाइड कराते हैं
क्योंकि सर का मानना है कि कभी भी अपने सिद्धांत से समझौता मत करिए.
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यह सारी जानकारी पंकज सर द्वारा दिए गए एक चैनल पर और उनके कुछ यूट्यूब वीडियो से ली गई है आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा .